40 हजार करोड़ रुपये बचाने के लिए बने थे सीएम फडणवीस, राउत बोले - महाराष्ट्र से गद्दारी

Update: 2019-12-02 05:00 GMT

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के एनसीपी नेता अजित पवार के साथ मिलकर पहले सरकार बनाना और बाद में बहुमत परीक्षण से एक दिन पहले ही इस्तीफा देने को लेकर विरोधी उन पर '3 दिन का सीएम' तंज कस रहे हैं। हालांकि, बीजेपी सांसद अनंत हेगड़े ने एक बयान में कहा कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के 80 घंटे के मुख्यमंत्री इसलिए बने ताकि केन्द्र सरकार को चार हजार करोड़ रुपये वापस कर सके। अनंत कुमार के इस खुलासे पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि ये तो महाराष्ट्र के साथ गद्दारी है। इससे पहले सामना के जरिए शिवसेना ने बीजेपी पर बोलते हुए लिखा कि बहुमत न होने के बाद भी महाराष्ट्र को अंधेरे में रखकर अवैध ढंग से शपथ लेनेवाले मुख्यमंत्री तथा विधानसभा का सामना किए बिना 80 घंटे में चले जाने वाले मुख्यमंत्री ऐसा आपका इतिहास में नाम दर्ज हो चुका है, इसके याद रखो। ये कलंक मिटाना होगा तो विपक्ष के नेता के रूप में वैध काम करें या कम से कम पार्टी में खडसे मास्टर से प्रशिक्षण लें।

हेगड़े ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि महाराष्ट्र में हमारा आदमी 80 घंटे के लिए सीएम बना। फिर फड़नवीस ने इस्तीफा दे दिया। उसने यह नाटक क्यों किया? क्या हमें नहीं पता था कि हमारे पास बहुमत नहीं है और फिर भी वह सीएम बने। यह सवाल हर कोई पूछ रहा है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने लगभग 40,000 करोड़ रुपये महाराष्ट्र को दिए थे। उन्हें पता था कि अगर कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की सरकार सत्ता में आती है तो वह विकास के लिए धन का दुरुपयोग करेगी। इसलिए यह तय किया गया कि एक ड्रामा किया जाएगा। फडणवीस सीएम बने और 15 घंटे में वह 40,000 करोड़ रुपये केन्द्र को वापस कर दिए।

शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सत्ता हासिल करने में जल्दबाजी और बचकानी टिप्पणियां महाराष्ट्र में भाजपा को ले डूबी और फडणवीस को विपक्ष में बैठना पड़ गया।

राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने रोखठोक स्तंभ में दावा किया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के साथ आने से महाराष्ट्र में जो हुआ वह देश को भी स्वीकार है। बिना किसी का नाम लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, दिल्ली की तरह चल रहे भीड़ तंत्र के आगे नहीं झुका। उन्होंने भरोसा जताया कि यह सरकार पांच साल तक चलेगी। 

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