जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट : पृथ्वी का बढ़ रहा तापमान, उठाने होंगे बड़े कदम
नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से बचने के लिए दुनिया को त्वरित और बड़े स्तर पर अब तक के प्रयासों से कहीं आगे जाकर कदम उठाने होंगे। यह अपील दुनिया के शीर्ष जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञों की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में पूरी दुनिया से की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सतत और व्यवस्थित विकास के लिए तापमान कम रखना जरूरी है। दुनिया के 91 विशेषज्ञों और 195 देशों के सरकारी प्रतिनिधियों की एक बैठक में अनुमोदन के बाद रिपोर्ट को जारी किया गया है। यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र द्वारा जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) ने सोमवार को दक्षिण कोरिया में जारी की है।
वैज्ञानिकों का का कहना है कि पृथ्वी का तापमान तेज गति से बढ़ रहा है। इससे निपटने और औद्योगिकीकरण से पूर्व के तापमान से 1.5 डिग्री अधिक तक दुनिया का तापमान सीमित रखने के लिए बड़े कदम उठाने होंगे। हालांकि वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि ऐसा करना दुष्कर प्रतीत होता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस शताब्दी के मध्य तक ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री तक सीमित रखने के लिए 'समाज के सभी क्षेत्रों में तेज, दूरगामी और अभूतपूर्व परिवर्तन' लाने की आवश्यकता होगी। नहीं तो जल्द ही मौसम में बड़े बदलाव जैसे अनाज की कमी, जंगलों में आग, शहरों में बाढ़ की समस्या विकट हो जाएगी। लाखों लोगों पर सूखे, बाढ़, अधिक गर्मी और गरीबी का संकट गहरा जाएगा।
अमेरिका दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाला देश है। वह पेरिस समझौते- 2015 से किनारा कर चुका है| इसके चलते तय लक्ष्य प्राप्ति कठिन होती दिखाई दे रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन तेज और बड़े स्तर पर हो रहा है| इसके तत्वरित प्रभाव काफी खतरनाक साबित होने वाले हैं। यह परिणाम अगले 20 सालों यानि 2040 तक दिखाई देने लगेंगे। इसके लिए दुनिया को जैव ईंधन उपयोग में कमी लानी होगी और स्वच्छ ऊर्जा अपनानी होगी।