राफेल बनाने वाली कंपनी के सीईओ ने कहा, विमानों की कीमतें पिछली बार से कम

Update: 2018-11-13 10:19 GMT
Image Credit : Dassault Aviation

नई दिल्ली। राफेल सौदे को लेकर इन विमानों को बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने कहा है कि ऑफसेट कंपनी के तौर पर रिलायंस को उन्हीं की ओर से चुना गया था। इसके अलावा राफेल विमानों की कीमतें पिछली सरकार में तय कीमतों से 9 प्रतिशत कम हैं।

एक वीडियो न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में सीईओ एरिक ट्रैपियर ने कहा कि सौदों के संबंध में उनकी ओर से कुछ भी गलत नहीं कहा गया है। सच यह है कि अंबानी को उनकी कंपनी ने ही चुना और अन्य 30 सहयोगियों को भी चुना है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल सौदों को लेकर लगातार सरकार पर हमला कर रहे हैं और इस सौदे के जरिए रिलायंस को फायदा पहुंचाने की बात कह रहे हैं। 

एरिक ने कहा कि पिछली सरकार में 126 विमानों का सौदा होना था। उनमें से केवल 18 विमानों को उड़ने के लिए तैयार स्थिति में दिया जाना था। जब मोदी सरकार ने 36 विमानों का सौदा किया तो उन्होंने सभी विमान उड़ने की स्थिति में तैयार चाहे। ऐसे में 18 विमानों की कीमतों से दोगुनी कीमतों पर 36 विमान दिए जाने चाहिए थे लेकिन यह सौदा सरकार और सरकार के बीच था, इसलिए विमानों की कीमतों पर मोल-भाव हुआ। अंतिम सौदे की कीमतों में 9 प्रतिशत की कमी की गई।

एरिक ने कहा कि उनकी ओर से रिलायंस को कोई पैसा नहीं दिया जा रहा है बल्कि पैसा संयुक्त उद्यम को दिया जा रहा है। इस संयुक्त उद्यम में हमारे अभियंता और कारीगर सारे काम का नेतृत्व करेंगे।

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