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केंद्र का सख्त निर्देश : अब मदर टेरेसा की सभी संस्थाओं में होगी तलाशी

Update: 2018-07-17 10:20 GMT

कोलकाता। मदर टेरेसा द्वारा स्थापित की गई मिशनरीज ऑफ चैरिटी संस्था द्वारा झारखंड में कमोबेश 208 बच्चों की बिक्री का मामला प्रकाश में आने के बाद केंद्र सरकार अब सख्त रवैया अपना रही है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों के गृह विभाग को विशेष निर्देश देते हुए कहा है कि राज्य में मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़े सभी होम व अन्य संस्थाओं में तत्काल तलाशी अभियान चलाया जाए और कुछ भी संदिग्ध मिले तो इसकी अभिलंब सूचना केंद्र सरकार को दी जाए।

केंद्रीय मंत्री ने दो साल पहले बने जुवेनाइल जस्टिस कानून का उल्लेख करते हुए राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि राज्य में जितने भी होम हैं, सबको केंद्र सरकार के अधीन पंजीकरण कराना होगा। अगर कोई संस्था ऐसा नहीं करती है तो उसे तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा। राज्य सचिवालय नवान्न के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने अपनी चिट्ठी में उल्लेख किया है कि बच्चों की बिक्री का धंधा चलाने वाले इन लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।

दरअसल, केंद्रीय शिशु सुरक्षा कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में करीब दो लाख 30 हजार अनाथ बच्चे अलग-अलग संस्थाओं में हैं। देश भर में करीब 6300 होम हैं, जिनमें से केवल 2300 ने जुवेनाइल जस्टिस के अनुसार केंद्र सरकार के साथ पंजीकरण कराया है। बाकी संस्थाओं ने किसी ना किसी बहाने से पंजीकरण से इनकार किया है। इस पर सख्ती बरतते हुए केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया है कि ऐसे सभी होम की सूची केंद्र सरकार को भेजी जाए एवं इन्हें तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए।

उल्लेखनीय है कि झारखंड में मिशनरीज ऑफ चैरिटी संस्था की ओर से 3 बच्चों की बिक्री का मामला प्रकाश में आने के बाद दो नन और एक पादरी को गिरफ्तार किया गया है। जांच में पता चला है कि कम से कम 208 बच्चों की बिक्री हुई है। घटना के प्रकाश में आने के बाद पूरे देश में मिशन अॉफ चैरिटी के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा था। संस्था का मुख्यालय कोलकाता में है। ननो की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला बोला एवं कहा कि यह भाजपा की साजिश है, मिशनरीज ऑफ चैरिटी को अपना काम करने दिया जाना चाहिए। इन हालात में अब केंद्रीय मंत्री की चिट्ठी का क्या असर होता है, यह आने वाला वक्त बताएगा।

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