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देश में जल्द बनेगा प्लास्टिक कचरे से जैव ईंंधन

Update: 2018-10-13 13:09 GMT

नई दिल्ली। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डा. हर्षवर्धन ने आज कहा कि देश में जल्द ही पहली बार प्लास्टिक कचरे से जैव ईंधन बनाया जायेगा।

शनिवार को यहां इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के कचरे (ई-वेस्ट) के प्रबंधन पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए डा. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत ने अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से हर तरह के कचरे को संपदा में बदलने की मुहिम को तेज करते हुए प्लास्टिक कचरे से जैव ईंधन बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है। उन्होंने कहा कि अगले दो महीने में हम इस संयन्त्र में प्लास्टिक कचरे से बायो डीजल बनाना शुरू कर देंगे।

उन्होंने कहा कि देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ने इस अनूठी तकनीक को विकसित किया है और जल्द ही संस्थान में इसका पहला संयन्त्र शुरू किया जायेगा। इसकी क्षमता प्रतिदिन एक टन प्लास्टिक कचरे से 800 लीटर बायो डीजल का उत्पादन करने की है। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक कचरा प्रबंधन की दिशा में इस क्रांतिकारी पहल को पूरे देश में आगे बढ़ाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने हर तरह के कचरे से ऊर्जा एवं ईंधन जैसी बहुमूल्य संपदा बनाने का अभियान शुरू किया है। अभियान के फलस्वरूप दिल्ली स्थित बारापुला सीवर संयन्त्र से प्रतिदिन दस टन बायोमास से तीन हजार लीटर एथनॉल बनाया जा रहा है।

इस सम्मेलन में भारत में जापान के राजदूत केंजी हीरामात्सु और अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी जुन झांग भी मौजूद थे। हीरामात्सु ने कचरा प्रबंधन की दिशा में भारत के द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि पूरे विश्व को इसका लाभ मिलेगा।

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