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सावरकर को भारत रत्न देने का भाजपा का वादा बना राष्ट्रीय बहस का मुद्दा

Update: 2019-10-15 14:33 GMT
Image Credit : livebavaal

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने अपने महाराष्ट्र के घोषणापत्र में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को भारत रत्न दिलाने का वादा किया है। इस वादे के बाद से यह मुद्दा देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। सोशल मीडिया में इसके समर्थन और विरोध में बहस छिड़ गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री दैवेन्द्र फणनवीस की उपस्थिति में भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा जारी किए इस संकल्प पत्र के बाद सबसे पहली और बड़ी टिप्पणी सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से आई है। भाजपा नेता ने कहा है कि अच्छा है कि सरकार ने वीर सावरकर को भारत रत्न देने का फैसला किया है।

भाजपा ने संकल्प पत्र में कहा गया है कि वीर सावरकर, ज्योतिबा फूले और उनकी पत्नी सावित्रीभाई फूले को भारत रत्न दिलाने के लिए प्रयास करेंगे। विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध करने में देरी नहीं लगाई। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या के लिए आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ा था। कपूर आयोग ने भी आरोपों की जांच की। हाल के एक लेख में यह दावा किया गया था कि आयोग ने सावरकर को दोषी ठहराया था। अब भगवान ही इस देश को बचा सकता है।

अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि सावरकर ने दो-राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन किया और गांधी की हत्या पर जीवन लाल कमीशन ऑफ इंक्वायरी ने उन्हें साजिशकर्ता बताया था।

ट्वीटर पर हैदराबाद के सांसद ने कहा कि सावरकर गांधी की हत्या पर जीवन लाल कमीशन ऑफ इंक्वायरी द्वारा आरोपित रहे हैं, एक राजनीतिक उपकरण के रूप में बलात्कार के उपयोग की उन्होंने वकालत की है, बलात्कार का उपयोग न करने के लिए शिवाजी की आलोचना की। एक राजनीतिक उपकरण के रूप में खुद को अंग्रेजों का सबसे आज्ञाकारी सेवक बताया, अंग्रेजों को जेल से रिहाई का अनुरोध करने वाले 6 पत्र लिखे, हिटलर की ओर देखा और होलोकास्ट के लिए यहूदियों को दोषी ठहराया और दो राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन किया। (हि.स.)

 

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