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स्वच्छता से संकल्पित था बापू का सपना

Update: 2018-10-02 13:55 GMT
Image Credit : Subhashini (@Neelavanam)

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि राष्ट्रपति महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें स्वच्छ और स्वस्थ भारत की कार्यांजलि देनी है। उन्होंने कहा कि गांधी का सपना स्वच्छता से संकल्पित था और उन्होंने कहा था कि अगर स्वच्छता और स्वतंत्रता में प्राथमिकता की बात होगी तो वह स्वच्छता को पहले चुनेंगे।

राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को 'गांधी एट 150' के नाम से राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती वर्ष और 'महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन' के समापन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी की लड़ाई के समय गांधी ने कहा था कि स्वच्छता और स्वतंत्रता में उनकी प्राथमिकता स्वच्छता होगी। उन्होंने कहा कि बापू का सपना स्वच्छता से संकल्पित था।

मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी बार-बार स्वच्छता पर इसलिए ज्यादा जोर नहीं देते थे कि स्वच्छता से बीमारी नहीं होती बल्कि उनका मानना था कि जब हम गंदगी को दूर नहीं करते तो वह हमें परिस्थितियों को स्वीकार करने की प्रवृत्ति की ओर ले जाती है। इसलिए महात्मा गांधी का स्वच्छता आंदोलन जड़ता से चेतनता की ओर ले जाने का एक प्रयास था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह गांधी के विचारों का ही परिणाम था कि चार साल पहले 15 अगस्त को लाल किले से उन्होंने दो अक्टूबर 2019 को उनकी 150वीं जयंती तक देश को खुले में शौच से मुक्त करने का अभियान शुरू किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि बापू के पदचिह्नों पर चलते हुए स्वच्छ भारत अभियान को जन आंदोलन बना दिया। उन्होंने कहा कि बापू को उनकी 150वीं जयंती पर स्वच्छ और स्वस्थ भारत की कार्यांजलि देनी है।

इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि स्वच्छता भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है और स्वच्छता के साथ ही पोषण को लेकर भी आंदोलन खड़ा कर चुका है।

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