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राजस्थान की राजनीति में कलह जारी, गहलोत आज सोनिया गांधी से करेंगे मुलाकात, नहीं बनी बात तो पायलट पलट सकते है बाजी

Update: 2022-09-28 07:36 GMT

नईदिल्ली।  राजस्थान की राजनीति  कलह का अंत होगा या बढ़ेगा इसका फैसला आज शाम तक हो जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज दिल्ली पहुंच रहे है, वहीँ सचिन पायलट मंगलवार रात से ही दिल्ली में डेरा डाले हुए है। वो आज कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी  से मिल सकते हैं। राजस्थान में जारी राजनीतिक उठापटक को देखते हुए यह मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है।  राजस्थान में रविवार रात हुए बवाल के बाद गहलोत अध्यक्ष पद की रेस से लगभग बाहर हो गए थे लेकिन अब एक बार फिर इस पद के लिए उनके नाम की चर्चा शुरू हो गई है।  

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कीपार्टी का एक खेमा गहलोत को अध्यक्ष बनाने पर जोर दे रहा है। जिस पर आज शाम तक फैसला हो सकता है। दूसरी और सीएम पद के लिए बार-बार गहलोत गुट के विरोध का सामना कर सचिन पायलट फिलहाल वेट एंड वॉच की स्थिति में नजर आ रहे है। उनका कहना है की वह पार्टी हाईकमान के फैसले का इंतजार कर रहे है।  पायलट की इस चुप्पी को जानकार राजस्थान की राजनीति के लिए महाविस्फोट से पहले की शांति मान रहे है।

दूसरी और कांग्रेस आलाकमान की नाफरमानी के चलते राजस्थान में तीन नेताओं को शो कॉज नोटिस थमाया गया है। इसके बाद ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने देर रात ट्वीट किया। निशाने पर शांति धारीवाल और महेश जोशी रहे। अंग्रेजी में किए ट्वीट में उन्होंने लिखा कि त्वरित प्रभाव से दोनों माननीयों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया जाए।

मंगलवार को कांग्रेस की राजनीति में मचे बवाल के बीच दिल्ली में सोनिया गांधी को पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट सौंप दी गई। रिपोर्ट के आधार पर महेश जोशी शांति, धारीवाल और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को नोटिस जारी कर दिया गया। उनसे 10 दिन में जवाब मांगा गया है। अपनी पोस्ट में दिव्या ने लिखा कि जिस तरह से सचिन पायलट, रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को बिना नोटिस के मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया गया था, उसी तरह से अब शांति धारीवाल और महेश जोशी को भी तुरंत प्रभाव से बर्खास्त किया जाना चाहिए। क्योंकि इन दोनों ने हाईकमान को खुलेआम चुनौती दी है। इसके साथ ही दिव्या मदेरणा ने रविवार को शांति धारीवाल के घर पर हुई बैठक का वीडियो भी शेयर किया, जिसमें धारीवाल विधायकों को संबोधित कर रहे हैं। मदेरणा ने लिखा कि इसमें साफतौर पर हाई कमान को चुनौती दी जा रही है।

गौरतलब है कि 2020 में जब सचिन पायलट और उनके खेमे ने बगावत की थी, तब मानेसर में कैंप किया गया था। उस समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय नेतृत्व को शामिल करते हुए कई बड़े निर्णय किए थे। इसमें पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद के साथ ही उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किया गया। इसके अलावा उनका साथ दे रहे मंत्रियों को भी बर्खास्त कर दिया गया था। तब उन्हें नोटिस तक जारी नहीं किया गया था। दिव्या खुलेआम प्रदेश पदाधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी हैं। उन्होंने रविवार की घटना को आधार बना मंगलवार को ट्वीट कर कहा था कि पार्टी के मुख्य सचेतक महेश जोशी अगर हाईकमान के निर्देशों की पालना नहीं करते हैं तो मैं उनको मुख्य सचेतक नहीं मानती और उनके निर्देशों की पालना नहीं करूंगी।

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