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राहुल ना समझ, भगवान ही उनकी मदद कर सकता है: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली

Update: 2018-07-21 14:05 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है। अपने फेसबुक पर एक ब्लॉग लिखकर जेटली ने राहुल में न सिर्फ समझ की कमी बताई बल्कि यह भी कहा कि राहुल ने भारतीय राजनेता की छवि को गंभीर रूप से चोट पहुंचाई है। ऐसे में भगवान ही उनकी मदद कर सकता है।

जेटली ने ब्लाग में राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए लिखा, 'यदि कोई प्रतिभागी जो एक राष्ट्रीय पार्टी का अध्यक्ष है और प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद रखता है, तो उसका एक-एक शब्द मूल्यवान होना चाहिए तथा उनके तथ्यों में विश्वसनीयता होनी चाहिए। बहस को महत्वहीन नहीं बनाना चाहिए। जिनकी इच्छा प्रधानमंत्री बनने की है, वे कभी भी अज्ञानता, झूठ और कलाबाजी का मिश्रण नहीं करते हैं।'

अरुण जेटली ने लिखा, 'अफसोस की बात है कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष ने एक महान अवसर खो दिया है। अगर वर्ष 2019 के लिए यह उनकी अबतक की सबसे अच्छी बहस थी, तो भगवान उनकी पार्टी (कांग्रेस) की मदद करे।' जेटली ने कहा कि उनकी समझ की कमी न केवल बुनियादी मुद्दों तक ही सीमित है, बल्कि प्रोटोकॉल की जानकारी भी सीमित है।

जेटली ने आगे लिखा, 'उन्होंने कहा कि किसी को भी कभी भी सरकार के मुखिया या राज्य के मुखिया के साथ हुई बातचीत को गलत नहीं ठहराना चाहिए। अगर कोई ऐसा कहता है, तो गंभीर लोग आपसे बात करने या आपकी उपस्थिति में बोलने के लिए अनिच्छुक होंगे।'

जेटली ने आगे लिखा, 'सदन में राफेल का मुद्दा उठाने के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो से मुलाकात का भी जिक्र किया। इसको राहुल गांधी ने राष्ट्रपति मैक्रो के साथ बातचीत करके अपनी विश्वसनीयता कम की है। दुनिया भर में एक भारतीय राजनेता की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है।'

जेटली ने लिखा, 'ये नहीं भूलना चाहिए कि यूपीए सरकार के मंत्री ने गोपनीयता समझौते पर साइन किए। राहुल गांधी अब डॉक्टर मनमोहन सिंह को शर्मिंदा करना चाहते हैं, जो इस बातचीत के गवाह हैं।' उन्होंने कहा, 'राहुल ने बार-बार ये दर्शाया है कि वे तथ्यों से अनजान हैं। लागत बताने का मतलब होता है कि विमान में मौजूद हथियारों की भी जानकारी देना।' उन्होंने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) का जिक्र करते हुए कहा कि क्या वह इस तथ्य से अनजान हैं कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने जीएसटी संशोधन का प्रस्ताव दिया था? जीएसटी के दायरे में पेट्रोलियम उत्पादों को शामिल नहीं किया गया? यह केवल एनडीए सरकार है जो जीएसटी परिषद द्वारा सहमत होने के बाद जीएसटी लेकर आई।

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