SwadeshSwadesh

मॉब लिंचिंग पर एक सप्ताह में लागू करें दिशा-निर्देश : सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली, हिमाचल, अरुणाचल, तेलंगाना, मिजोरम, दादर और नगर हवेली, दमन दीव, नगालैंड और मणिपुर ने अब तक नहीं किया अमल

Update: 2018-09-24 15:56 GMT

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। भीड़ द्वारा हिंसा की रोकथाम के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज सभी राज्यों को उसके दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए एक सप्ताह का और समय दिया है। दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना, मिजोरम, दादर और नगर हवेली, दमन दीव, नगालैंड और मणिपुर ने अब तक कोर्ट के दिशा- निर्देशों पर अमल नहीं किया है।

आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले में राज्यों और केन्द्र सरकार को आदेश दिया गया था कि सरकारें मॉब लिंचिंग के ख़िलाफ प्रचार-प्रसार करें लेकिन सरकारें ऐसा नहीं कर रही हैं ।

पिछले 7 सितंबर को सुनवाई के दौरान 9 राज्य सरकारों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया था। कोर्ट ने बाकी राज्यों को भी एक सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अपने आधिकारिक वेबसाइट पर कोर्ट के आदेश की पालना रिपोर्ट अपलोड करें।

कोर्ट ने राजस्थान के अलवर में कथित गौरक्षकों द्वारा रकबर खान की हत्या के मामले में राज्य सरकार से दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट तलब किया था। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि केंद्र सरकार ने मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह का गठन किया है जो भीड़ द्वारा हत्या के मामलों को रोकने के लिए नया कानून बनाने पर विचार करेगा। पिछले 20 अगस्त को कोर्ट ने राजस्थान के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (होम) से अलवर में कथित गौरक्षकों द्वारा रकबर खान की हत्या के मामले पर रिपोर्ट मांगी थी।

तहसीन पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राजस्थान सरकार और अफसरों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लघंन करने का आरोप लगाया है। इस मामले पर एक दूसरी याचिका तुषार गांधी ने दायर की है। उन्होंने राजस्थान सरकार के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया है।  

Similar News