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सुरक्षाबलों ने 125 दिन में मारे सभी बड़े आतंकी

Update: 2019-06-19 16:30 GMT

नई दिल्ली। पुलवामा हमले के अगले ही दिन 15 फरवरी को सीआरपीएफ ने ट्विटर पर ऐलान किया था, हम भूलेंगे नहीं...बख्शेंगे नहीं। ऐसा ही कुछ हुआ भी है। पहले हमले के सौ घंटे के भीतर जैश का स्थानीय कमांडर मारा गया और आज उस आतंकी को भी ढेर कर दिया गया है जिसकी गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था। सुरक्षाबलों ने हमले के 125 दिन के भीतर उन बड़े आतंकियों की कमर तोड़कर रख दी, जिनका हाथ पुलवामा आतंकी हमले में था।

सुरक्षाबलों ने पुलवामा हमले के मुख्य साजिशकर्ता और जैश के स्थानीय कमांडर गाजी राशिद उर्फ कामरान को मौत के घाट उतार दिया था। उसने ही पूरी साजिश रची थी। इसलिए सुरक्षाबलों ने पहले उसे ही निपटाया। पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के अड्डे पर वायुसेना ने घुसकर एयरस्ट्राइक की थी। बताया जाता है कि इसमें 300 से अधिक जैश के आतंकी मारे गए थे।

जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर मुदस्सिर खान भी 11 मार्च को मारा गया था। पुलवामा में आतंकियों की मदद इसने ही की थी और पूरे प्लान को लागू करवाया था। मुदस्सिर के साथ तीन अन्य आतंकियों को भी मौत के घाट उतार दिया गया था। अब सुरक्षाबलों ने अनंतनाग में उस आतंकी सज्जाद भट्ट को भी मौत के घाट उतार दिया है जिसकी गाड़ी का इस्तेमाल पुलवामा आतंकी हमले में किया गया था।

31 मई तक 101 आतंकी मारे गए

23 इनमें विदेशी और 78 स्थानीय

50 युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं मार्च से अब तक

हम भूलेंगे नहीं, हम बख्शेंगे नहीं। पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को हम सलाम करते हैं और उनके परिवार वालों के साथ खड़े हैं। इस जघन्य हमले का बदला लिया जाएगा।जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में मंगलवार को पुलवामा आत्मघाती हमले के साजिशकर्ता जैश-ए-मोहम्मद कमांडर सज्जाद भट समेत दो आतंकी मुठभेड़ में मारे गए। इस ऑपरेशन में सेना का एक जवान भी शहीद हो गया। पुलवामा हमले में सज्जाद की कार का ही इस्तेमाल हुआ था।

अधिकारी ने बताया कि कई आतंकी अपराधों में शामिल रहने के अलावा सज्जाद भट्ट 14 फरवरी को पुलवामा के लेथपोरा इलाके में आत्मघाती कार विस्फोट के सिलसिले में भी वांछित था। सज्जाद ने ही कार में आईईडी भरकर सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाने की पूरी साजिश रची थी। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

पुलवामा आतंकी हमले के बाद एनआईए ने भट के बारे में खुलासा किया था। उसने हमले से 10 दिन पहले मारुति इको कार खरीदी थी जिसका इस्तेमाल हमले में किया गया था। सज्जाद और तौसीफ बिजबेहरा इलाके के मरहमा का रहने वाला था। यह इलाका आतंकी संगठन जैश का गढ़ माना जाता है।

सज्जाद की मां त्राल की रहने वाली है। आतंकी बुरहान वानी भी त्राल का रहने वाला था। सज्जाद के माता-पिता ने बुरहान के मारे जाने के बाद हुई हिंसा में हिस्सा लिया था। सज्जाद की पहचान जैश के आत्मघाती हमलावर के तौर पर थी। उसे 2018 में हिरासत में भी लिया गया था जबकि उसके पिता को 2017 में पकड़ा गया था। 

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