कोलकाता। सीबीआई अधिकारियों के साथ कोलकाता पुलिस की बदसलूकी की घटना के बाद अन्य केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी और कर्मचारी दहशत में हैं। आलम यह है कि अधिकारी कहीं भी छापेमारी करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। जिस तरह से सीबीआई के अधिकारियों को कोलकाता पुलिस ने पकड़कर पीटा और जबरदस्ती गाड़ी में डाला, उसके बाद हर जगह लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ है।
मंगलवार को न्यूज एजेंसी से विशेष बातचीत के दौरान इनकम टैक्स के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि पिछले दो दिन से कई जगहों पर छापेमारी की योजनाएं बनाई गई हैं, लेकिन अधिकारी कहीं भी छापेमारी के लिए नहीं निकल रहे हैं। कब किस जांच अधिकारी पर कहां कौन हमला कर दे, कोई भरोसा नहीं है। उक्त अधिकारी ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री जब गैरकानूनी हिरासत में लिए जाने की घटना और जांच एजेंसियों पर हमले का समर्थन करने लगी हैं, तब किसके भरोसे किसी तरह की कोई छापेमारी अथवा कार्रवाई होगी?
प्रवर्तन निदेशालय ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इसी तरह की बात कही है। नाम नहीं छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि ईडी अब कोलकाता पुलिस और राज्य प्रशासन पर भरोसा नहीं कर सकती। इससे संबंधित एक रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट में जमा की जाएगी। उक्त अधिकारी ने बताया कि अब कहीं भी किसी तरह की छापेमारी से पहले कई बार सोचना होगा। पता नहीं कब और कहां हमारे ऊपर हमले हो जाए। अधिकारी ने बताया कि जिस तरह से सीबीआई के पूर्वी क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक पंकज श्रीवास्तव के घर को पुलिस ने घेर लिया था और उनके परिवार के लोगों तक को बाहर नहीं निकलने दिया गया, परेशान किया गया, ऐसे हालात अब विकट परिस्थिति ही दर्शाते हैं। हम यहां कितने सुरक्षित हैं, यह नहीं कहा जा सकता।
सीबीआई के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर इसी तरह की बातें दोहराई हैं। उनका कहना है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की जो आपसी समन्वय वाली स्थिति रहती है, वह आदर्श परिस्थिति से परे हट गई है। ऐसे में संघीय व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना बेहद जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि रविवार को कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर पूछताछ करने के लिए पहुंची सीबीआई टीम को पुलिस ने कॉलर पकड़कर खींचते हुए पुलिस वैन में डाला था और बाद में हिरासत में ले लिया था। इस घटना ने पूरे देश में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। ममता बनर्जी पुलिस कार्रवाई के पक्ष में और सीबीआई के खिलाफ उसी दिन से धरने पर बैठी हैं।