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चीन में शवों को लेकर नया फरमान जारी, रो रहे हैं लोग

Update: 2018-08-03 07:24 GMT

बीजिंग। चीन में शवों को लेकर नया फैसला लागू किया है। जियांग्शी प्रांत में एक सितंबर से शवों को दफनाने की बजाय जलाया जाएगा। यह फैसला जगह की कमी की वजह से लिया गया है। नया कानून आने से पहले ही चीनी अधिकारियों ने घरों में रखे पूर्वजों के ताबूत तोडऩा शुरू कर दिया है। ऐसा होने पर कई गांव वाले रोने लगे। इसके बाद सरकार ने अधिकारियों को ज्यादा सख्ती न दिखाने का आदेश दिया। चीन के कई ग्रामीण इलाकों में पूर्वजों के ताबूत सालों तक घर में रखने की परंपरा है। उनका मानना है कि इससे भाग्य अच्छा होता है। अधिकारियों द्वारा ताबूत तोड़े जाने की देशभर में आलोचना हो रही है।

कई सालों से अधिकारी लोगों को समझा रहे थे कि वे शवों को न दफनाएं। चीन के राष्ट्रपिता माओत्से तुंग ने पारंपरिक अंतिम संस्कार को सामंती अंधविश्वास करार दिया था। 1956 में उन्होंने शवों को जलाने का प्रस्ताव रखा था लेकिन इसके लिए कोई नीति नहीं बन पाई। माओ का शव भी दफनाया गया। अब कब्रिस्तान में जगह की कमी के चलते स्थानीय सरकारें शवों को जलाने, समुद्र में डालने की बात कर रही हैं। शवों को जलाने का फैसला पहले भी कुछ प्रांतीय सरकारों ने लिया था, लेकिन इसके नतीजे अच्छे नहीं रहे। 2014 में आन्हुई प्रांत में शवदाह की तारीख भी तय हुई, लेकिन इससे पहले ही छह बुजुर्गों ने खुदकुशी कर ली थी। 

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