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रोहिंग्या मुस्लिम की वापसी के लिए चीन भी करेगा पहल

Update: 2018-10-10 05:18 GMT

ढाका/स्वदेश वेब डेस्क। भारत और बांग्लादेश की संयुक्त कूटनीतिक प्रयास के बाद रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने के लिए चीन म्यांमार पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने को राजी हुआ है। यह जानकारी मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।

बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबू हसन महमूद अली ने यहां विदेशी पत्रकारों से कहा कि रोहिंग्या समस्या के समाधान के लिए भारत उसका पूरा सहयोग कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह भारत-बांग्लादेश की साझा पहल ही रही कि न्यूयार्क में हाल में इस मसले पर भारत, बांग्लादेश चीन और म्यांमार के बीच रोहिंग्या शरणार्थी समस्या पर उच्चस्तरीय बैठक हुई।

इस बैठक में भारत-बांग्लादेश ने चीन से कहा कि म्यांमार सरकार पर उसका अच्छा प्रभाव है, इसलिए वह शरणार्थियों की वापसी में अहम भूमिका निभा सकता है। यही वजह है कि भारत की तरह चीन भी म्यांमार के रखाईन प्रांत में शरणार्थियों के लिए 1000 मकानों का निर्माण करेगा।

बांग्लादेश का कहना है कि भले ही उसने रोहिंग्या शरणार्थियों को तत्काल शरण दिया है, मगर म्यांमार को उन्हें वापस लेना ही होगा। वे उसके नागरिक हैं। म्यांमार पर दबाव बढ़ाने के लिए बांग्लादेश ने भी अपनी तरफ से 6000 रोहिंग्या शरणार्थियों के पहले बैच को वापस भेजने की तैयारी कर ली है।

अबू हसन ने कहा कि भारत ने रखाइन प्रांत में 250 मकानों का निर्माण लगभग पूरा कर दिया है तथा रोहिंग्या की वापसी के लिए और भी मकान बनाएगा।

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