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राजदूत ने कहा - मालदीव भारतीय प्रवासी हैं सुरक्षित

Update: 2018-08-30 14:42 GMT

माले/नई दिलली। 'भारतीयों की रक्षा' के लिए मालदीव पर आक्रमण करने वाले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ट्वीट पर भारत में द्वीप देश के राजदूत ने प्रतिक्रिया जाहिर की है।

मालदीव के राजदूत अहमद मोहम्मद ने गुरुवार को कहा कि यह बयान स्वामी की कल्पना के अलावा कुछ भी नहीं है। उन्होंने एक भारतीय चैनल से बात करते हुए कहा कि मालदीव के लिए प्रवासी भारतीय अत्यधिक मूल्यवान हैं और उनका वहां की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान रहा है।

विदित हो कि हाल ही में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि यदि मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव में धांधली होती है तो भारत आक्रमण करके वहां दखल देना चाहिए। स्वामी के इस बयान के बाद मालदीव के विदेश मंत्रालय ने भारतीय राजदूत अखिलेश मिश्रा को समन देकर स्पष्टीकरण मांगा था। हालांकि भारत सरकार ने स्वामी के बयान से किनारा कर लिया था। स्वामी का कहना था कि मालदीव में अगर भारतीयों की रक्षा करनी है तो उसपर आक्रमण जरूरी है। मालदीव में अगले महीने चुनाव होंगे।

समाचार पत्र मालदीव इंडीपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव में रह रहे भारतीय अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हैं, क्योंकि राष्ट्रपति यामीन ने 'इंडिया फर्स्ट की पारंपरिक नीति' छोड़ दी है। दोनों देश एक दूसरे के नागरिकों को वीजा देने से इनकार कर रहे हैं।

उधर, भारत में मालदीव के राजदूत अहमद मोहम्मद ने इतिहास की याद दिलाते हुए कहा कि मालदीव में 1850 से भारतीय रह रहे हैं और कभी भी उनकी सुरक्षा चर्चा का विषय नहीं रही।

अहमद ने कहा, " इस विशेष व्यक्ति द्वारा किए गए दावों के ठीक उलट मालदीव में कोई भी प्रवासी समुदाय किसी तरह के खतरों में नहीं रहा है। मालदीव सरकार के लिए सभी प्रवासियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।" 

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