सूत्र बस सेवा के नहीं मिल रहे सूत्र, बस संचालक और निजी बस संचालक हो रहे आमने-सामने

Update: 2019-02-23 16:39 GMT

हड़ताल पर गए निजी बस संचालक, कई मार्गों पर नहीं चलीं बसें, यात्री होते रहे परेशान

-निज प्रतिनिधि-

गुना। अमृत योजना में भारी तामझाम जुटाकर शुरु की गई सूत्र बस सेवा के सूत्र लंबे समय बाद भी नहीं जुट पा रहे है, जबकि योजना के तहत सिटी बसों को सडक़ों पर उतरे करीब एक साल होने को आ गया है। योजना में सूत्र बस के संचालक और निजी बस संचालक आए दिन आमने-सामने हो रहे है, जिससे विवाद की स्थिति तो बन ही रही है, साथ ही यात्री परिवहन भी प्रभावित हो रहा है। इसी तारतम्य में शनिवार को निजी बस संचालक हड़ताल पर चले गए । जिससे बसें नहीं चल पाईं। खासकर ग्वालियर मार्ग पर बसें लगभग बंद रहीं। जिससे यात्री परेशान होते रहे। गौरतलब है कि अब तक योजना के तहस पूरी बस भी नहीं चल पाई है। 

जज्जी में खड़ी रहीं बसें, भटकते रहे यात्री

निजी बस संचालक शनिवार को हड़़ताल पर रहे। हड़़ताल का निर्णय निजी बस यूनियन के द्वारा लिया गया। इसके चलते शनिवार को निजी बसें नहीं चलीं। खासकर ग्वालियर मार्ग पर चलने वाली अधिकांश निजी बसें बंद रहीं। इसके चलते यात्री अपने गंतव्य स्थलों पर जाने के लिए भटकते देखने को मिले। पुरानी जज्जी बस स्टैण्ड पर बसें खड़ी देखने को मिली। बस संचालकों ने बताया कि सिटी बस सेवा सिटी में चलाने के लिए शुरु की गई थी और इसके खड़े होने, सवारियां भरने के लिए भी स्थान तय किए गए थे, किन्तु अब ऐसा नहीं हो रहा है। जहां सिटी बसों को राष्ट्रीय राजमार्गों पर ही चलाया जाने लगा है तो स्थान भी बदले जा रहे है। बस संचालकों ने बताया कि जिन मार्गों पर उनकी बसें चल रहीं है, उन्ही मार्गों पर परिवहन विभाग द्वारा सिटी बसों को परमिट जारी किए जा रहे है। जिससे उनकी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है।

शुरु से ही लग रहे है अड़ंगे 

अमृत योजना के तहत शुरु की गई सूत्र बस सेवा में शुुरु से ही अड़ंगे लग रहे है। पहले तो योजना के तहत बसों के सड़क़ों पर आने में ही काफी समय लग गया। कारण रहा बसों के लिए ऑपरेटरों का। इसके साथ ही कलस्टर भी तय नहीं हो पा रहे थे। जैसे-तैसे ऑपरेटर मिले और कलस्टर तय हुए तो तकरीबन साल भर पहले सिटी बसों को सडक़ों पर उतारा गया। पुरानी जज्जी बस स्टैण्ड से योजना का शुभारंभ कर बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। योजना के तहत 52 बसें चलाई जाना है, किन्तु अब तक महज 4 बसें ही चल पाईं हैं। अन्य बसों के नही चल पाने कारण उन्हे परिवहन विभाग की तरफ से परमिट नहीं मिल पाना सामने आ रहा है, जबकि सूत्र बस सेवा को लेकर सामने आ रहा है कि इनसे यात्रियों को काफी फायदा मिल रहा है। जिन मार्गोे पर उक्त बसें चल रहीं है, उन मार्गो पर यात्रियों को आवागमन में काफी राहत मिली है।

गुडों से कराया जा रहा संचालन

निजी बस संचालकों ने सिटी बस संचालन को लेकर गंभीर आरोप लगाया है, उनका कहना है कि इन बसों का संचालन ग्वालियर मार्ग पर गुडों के द्वारा कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बस स्टैंड पर सूत्र सेवा बसें खड़ी करने स्थान निर्धारित है, फिर भी बस जबरन दूसरी जगह खड़ी की जा रही है। बसों पर व्यक्तिगत नाम एवं प्रचार भी लिखवाया जा रहा है, जबकि नियम शर्तों के तहत लोगों के नाम सूत्र सेवा बसों पर नहीं लिख सकते और नाहीं प्रचार लिख सकते है। इसको लेकर वह पूर्व में जिम्मेदारों आदि को ज्ञापन सौपकर अपनी समस्या रख चुके है। इसके बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हुआ। इसके चलते हड़ताल का रास्ता अख्तियार करना पड़ा। गौरतलब है कि गुना में अधिकांश बसें शिवपुरी के बस संचालकों की चलती है। उन्ही के द्वारा यह हड़ताल की गई है।

निजी बस संचालक करते है दादागिरी

एक तरफ जहां निजी बस संचालक सूत्र बस संचालकों पर गुंडागर्दी का आरोप लगा रहे है तो दूसरी तरफ सूत्र बस संचालकों का कहना है कि दादागिरी तो निजी बस संचालक करते है और यह दादागिरी सूत्र बसों का संचालन शुरु होने के बाद से ही की जा रही है। निजी बस संचालक सूत्र बसों को न तो स्टैण्ड पर तय शुदा स्थान पर खड़े होने दे रहे है और नाहीं सवारी भरने देते है। इसको लेकर वह पूर्व में कलेक्टर सहित जिम्मेदारों को शिकायत भी कर चुके है, किन्तु अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे निजी बस संचालकों के हौसले बुलंद हो रहे है। बहरहाल निजी बस संचालकों एवं सूत्र बस संचालकों के आपसी विवाद के चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निजी बस संचालकों की हड़ताल अनिश्चितकालीन बताई जा रही है, अगर ऐसा हुआ तो परेशानी और बढ़ेगी। 

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