चांचौड़ा और राघौगढ़ में 40 से 50 फीसद तो गुना और बमौरी में 10 से 15 फीसद नुकसान का आंकलन

Update: 2019-02-18 16:38 GMT

धीरे-धीरे साफ होने लगी है नुकसान की तस्वीर, राजस्व एवं कृषि विभाग कर रहे आंकलन

-निज प्रतिनिधि-

गुना। पाँच दिन पहले हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान की तस्वीर धीरे-धीरे ही सही पर साफ होने लग गई है। नुकसान का आंकलन राजस्व एवं कृषि विभाग द्वारा किया जा रहा है। दोनों विभागों की टीम इसको लेकर इन दिनों खेतों में उतरी हुई है। अब तक के सर्वे के मुताबिक जिले के चारों ब्लॉकों में चांचौड़ा और राघौगढ़ में सर्वाधिक नुकसान सामने आ रहा है। यहां फसल को 40 से 50 फीसद तक नुकसान पहुँचा है, वहीं गुना और बमौरी में यह नुकसान महज 10 से 15 फीसद ही सामनेे आ रहा है। सर्वे के बाद मुआवजे की प्रक्रिया शुरु करने की बात कही जा रही है। 

गेहूँ की फसल हुई आड़ी, धनिए का फूल झड़ा

खेतों में सर्वे कर रही राजस्व एवं कृषि विभाग की टीम के मुताबिक फसल को सर्वाधिक नुकसान चांचौड़ा और राघौगढ़ क्षेत्र में सामने आ रहा है। यहां तेज हवा और पानी के चलते गेहूं की फसल जहां खेतों में आड़ी हो गई है तो धनिए को भी खासा नुकसान पहुँचा है। ओलों से धनिए का फूल झड़ गया है। इसके साथ ही कहीं-कहीं सरसों की फसल भी प्रभावित हुई है तो चना को भी नुकसान पहुंचा है। धनिए को 40 तो सरसों को 30 फीसद तक नुकसान फिलहाल सामने आ रहा है। चने की फलियां ओले, पानी से टूटी मिल रही है। टीम के मुताबिक राघौगढ़ के दर्जनों गांवों में नुकसान सामने आ रहा है तो चांचौड़ा के कई गांव भी प्रभावित हुए है। गुना, बमौरी में जरुर कुछ ही गांव ओले और बारिश से फसल नुकसान की चपेट में आए है।

फरवरी में लगातार दूसरे साल हुई है ओलावृष्टि

फरवरी माह में लगातार दूसरे साल ओलावृष्टि हुई है। यह ओलावृष्टि 13-14 फरवरी की रात हुई। इस दौरान जिले भर में मौसम बिगड़ा था और रात भर बारिश के साथ बीच-बीच में ओले गिरते रहे थे। इस ओलावृष्टि से फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है। जिले के चारों ब्लॅाक गुना, राघौगढ़, चांचौड़ा और बमौरी में फसल को नुकसान पहुँचा है। इससे पहले दिसंबर के आखरी सप्ताह में तेज ठंड के कारण पाले से भी फसल को नुकसान पहुंचा था। किसानों का कहना है कि उनकी फसल को दोनों प्राकृतिक आपदा से काफी नुकसान पहुंचा है, किन्तु अब तक मुआवजा की कार्रवाई शुरु नहीं हो पाई है, जबकि उनकी फसल में 50 फीसद तक का नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि पिछले साल भी फरवरी माह में ओले और बारिश के बाद फसल नुकसान के मुआवजे की कार्रवाई नहीं हो पाई थी।

मुआवजे की प्रक्रिया पर मंडरा रहे आचार संहिता के बादल

प्रशासन भलें ही ओलावृष्टि और बारिश से हुए नुकसान का आंकलन करने खेतों में उतरा हुआ हो, किन्तु इसके बाद मुआवजे की प्रक्रिया शुरु हो पाएगी। इसमे संदेह है? कारण प्रक्रिया पर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बादल मंडरा रहे है। गौरतलब है कि मार्च में किसी भी समय लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग सकता है । फिलहाल की स्थिति में जिस गति से सर्वे की प्रक्रिया चल रही है, उसे देखते हुए लगता नहीं है कि यह जल्द पूरी हो पाएगी। किसान भी इसको लेकर आशंकित है, इसलिए आए दिन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के दर पर ठोंक दे रहे है। हालांकि नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह सर्वे तेज गति से करने को लेकर पहले ही निर्देश जारी कर चुके है।

आसमान में छाए बादल फिर बढ़ा रहे आशंका

एक तरफ ओलावृष्टि एवं बारिश से फसल को हुए नुकसान का सर्वे किया जा रहा है तो दूसरी तरफ आसमान में छा रहे बादल फिर आशंका को बढ़ा रहे है। रविवार के बाद सोमवार को भी दिन भर आसमान में बादल छाए रहे। हालांकि बीच-बीच में सूर्य देवता बादलों के आगोश से निकलने का प्रयास करते रहे, इस दौरान उनकी तपन भी काफी तीखी रही। इसके साथ ही सर्द हवाएं भी चलती रहीं। जिससे लोगों को ठंड का एहसास होता रहा।

9 डिग्री दर्ज हुआ तापमान

बारिश और ओलावृष्टि के बाद सर्दी अब जाकर अपने तीखे तेवर दिखा रही है। बीती रात तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो रविवार के मुकाबले एक डिग्री बढ़ा है, वहीं दिन का तापमान 29 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर बना हुआ है। फिलहाल मौसम ऐसा ही बने रहने की संभावना जताई जा रही है.। 

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