स्वच्छ पर्यावरण व स्वस्थ्य जीवनशैली से रोक सकेंगे कैंसर

Update: 2019-02-05 15:53 GMT

- निज प्रतिनिधि -

गुना। विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी को कुलदीपिका सिंह मैमोरियल पर्यावरण जागरुकता अभियान द्वारा जिला पर्यावरण केंद्र गुना इकाई नेसा नई दिल्ली की सुचेताहम्बीर सिंह ने तेजी से बढती कैंसर की बीमारी को रोकने के बारे में छात्रों व लोगों को जागरुक किया कि कई बीमारियों व कैंसर होने के मुख्य कारण वातावरण में कैमीकल, भारी तत्वों, पानी व जमीन में उपस्थित कैमीकल, रासायनिक कीटनाशकों तथा रेडियोएक्टिव पदार्थों का पाऐ जाने; वायु प्रदूशण व विकिरण द्वारा षरीर की कोशिकाओं के विकृत होने के कारण है। कैंसर के अन्य कारण लोगों के धूम्रपान व गुटखा/तम्बाकू खाने; षराब पीने; गलत खाना-पीना; गलत जीवन षैली; तथा हाईवोल्टेज बिजली के तारों के पास रहने, अनुवांशिकता, मोबाईल फोन की तरंगें आदि का बहुत बढा योगदान हैं षहरी नालों के पानी से फसलों को उगाना भी कैंसर की बढती बीमारी का कारण है देश के पंजाब व हरियाणा जैसे कई राज्यों में रासायनिक कीटनाशकों व अन्य हांनिकारक कैमीकल का खाद्य पदार्थों व सब्जियों में पाया जाना कैंसर की बीमारी के लिए दोशी है। देश में करीब 23 लाख से अधिक लोग कैंसर से पीडित है। 2018 में करीब 12 लाख नऐ पीडित लोग बढे जिनमें 50 प्रतिशत महिलाऐं थीं जिसके कारण 2018 में करीब 8 लाख लोगों की मौत हुई जिसके निरंतर बढने की संभावना है जिनमें तंम्बाकू व गुटखा से 14 प्रकार के और षराब से 8 तथा कमजोर खानपान से भी 8 प्रकार का कैंसर हो रहा है देश में तम्बाकू के कैंसर से प्रतिदिन 2500 और विश्व में करीब 14000 लोग जीवन खो रहे हैं। देश में प्रति आठ मिनट में एक महिला की मौत स्तन के कैंसर से तथा बच्चादानी के कैंसर से प्रतिदिन करीब 200 महिलाओं की मौत हो रही है। 

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