अब तक भोपाल में होता था कार्यक्रम, हमने पहली बार गुना में आयोजित कराया : इमरती
-निज प्रतिनिधि-
गुना। राष्ट्रीय बालिका दिवस का कार्यक्रम अब तक प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित होता था। हमने पहली बार इस कार्यक्रम को गुना में आयोजित कराया। यह गुना के लिए बड़ी उपलब्धि है। चूंकि गुना हमारे प्रभार वाला गुना है, इसलिए यहीं कार्यक्रम कराने की हमारी इच्छा थी और आज हमारी यह इच्छा पूरी हो गई है। यह बात महिला एवं बाल विकास मंत्री एवं जिले की प्रभारी मंत्री इमरती देवी ने कही। इमरती गुरुवार को शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के स्व. खेल प्रशाल में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थीं। इस दौरान उन्होने बालिकाओं को संस्कार बनाने की बात कही।
जो पता न हो, उसे पूछ लेने में कोई बुराई नहीं
अपने उद्बोधन के दौरान प्रभारी मंत्री ने महिलाओं में प्रेरणा जगाने के लिए कुछ महिला हस्तियों के नामों का उल्लेख किया। इस दौरान उन्होने इंदिरा गांधी, प्रतिभा पाटिल आदि का नाम लिया, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार का नाम लेेने के बाद वह वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष का नाम भी लेना चाहती थीं, किन्तु नाम वह भूल गई। उन्होने मंच पर बैठे लोगों से नाम पूछा। फिर बोली कि शर्म की कोई बात नहीं, जो पता न हो उसे पूछ लेने में क्या बुराई है। इससे आपका ज्ञान भी बढ़ता है। उन्होने बेटियों से आग्रह करते हुए कहा कि वह पढ़-लिखकर डॉक्टर बने, इंजीनियर बनें और खूब तरक्की करें, किन्तु इतना याद रखें कि कहीं संस्कार न छूंट जाएं। उन्होने कहा कि संघर्ष में ही शक्ति है, कोई कितना भी रोके, टोंके, हत्तोसाहित करें, हमें डटे रहना है, संघर्ष करना नहीं छोडऩा है। आप देखना कि आप एक-एक कर तरक्की की सीढिय़ां चढ़ती चली जाएंगी।
मुझे पूरा प्रदेश और देश जानता है
महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रभारी मंत्री ने खुद को उदाहरण स्वरुप प्रस्तुत किया। उन्होने कहा कि उनका नाम इमरती देवी है, कृषि परिवार से ताल्लुक रखतीं है, बैलगाड़ी तक चलाई है। तीन भाईयों के बीच इकलौती बहन हूँ, आज उन्हे पूरा देश और प्रदेश जानता है। ऐसे ही आपकों भी अपनी पहचान बनानी है। प्रभारी मंत्री ने महिलाओं के लिए नगर पंचायत और नगर परिषद की तरह लोकसभा और विधानसभा में भी 50 फीसद आरक्षण की मांग की। इमरती ने महिलाओं से आव्हान करते हुए कहा कि पीछे नहीं हटना है, डटे रहना है और अपनी खुद की पहचान बनानी है। इस मौके पर उन्होने हर साल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओँ की हर साल ड्रेस बदलेगी और उन्हे जूते, चप्पल भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
जो पसंद नहीं उसे सुने नहीं, विरोध करें।
बेटियां, महिलाएं अपनी शक्ति को पहचानें। जो पसंद नहीं उसे सुने नहीं,और उसका विरोध करें। वे अपनी बेटियों की शिक्षा और संस्कारों में कमी नही रखें। उन्हें अच्छे से पढाएं और आगे बढ़ऩे दें, ताकि देश और समाज के विकास में बेटियायं अपनी महत्वपूर्णं भागीदारी निभा सकें। उन्होंने बहा कि बेटियां दो कुलों को संवारती हैं। बेटियां बाल विवाह और दहेज प्रथा का विरोध करें। अच्छे और बडे पदों पर सुशोभित हों, व्यापारी बनें और राजनीति में भी आएं।उन्होंने कहा कि आंगनबाडी कार्यकर्ता सेवक हैं, उनके पास काम का बोझ भी अधिक रहता है। बरसों से एक ही ड्रेस पहनकर अलग से पहचानी जाती हैं। अब यह बदला जाएगा। प्रत्येक वर्ष उनकी ड्रेस बदली जाएगी। इसी प्रकार उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में नंगे पैर आने वाले बच्चों को जूता अथवा चप्पल पहनने के लिए उपलब्ध कराने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास विभाग महिलाओं और बच्चों की सेवा करने वाला विभाग है। केन्द्रों में महिलाएं, बच्चे और कुपोषित बच्चे आते हैं। इनकी सेवा में कोई कमी नही रहे। सेवाभाव से कार्य हो।
उत्कृष्ट कार्य करने वालीं बेटियों का किया गया सम्मान
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाली बेटियों का सम्मान भी किया उन्होंने सिविल जज परीक्षा वर्ष 2018 में चयनित कु. देशना जैन, ट्रेजरी आफिसर वर्ष 2013 (मध्यप्रदेश राज्य सेवा आयोग) में चयनित प्रियंका पाण्डेय, विभिन्न प्रतियोगिताओं की विजयी वंसुधरा कोठारी सहित विभाग द्वारा आयोजित निबंध मेरे शब्दएवं चित्रकला बेटी बचाओ बेटी पढा़ओ विषय पर केन्द्रित प्रतियोगिता में विजयी छात्राओं को सम्मानित किया गया। समारोह में उन्होंने बालिकाओं द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, कुपोषण से मुक्ति और भू्रण हत्या रोकने संबंधित बनाई गई पेटिंग्स का अवलोकन किया और सराहा भी ।
चित्रों का अवलोकन कर की सराहना
गांधीवादी नेता डा. एसएन सुब्बाराव ने अपने उद्बोधन में बालक-बालिका में भेद नहीं करने की बात कही। समारोह में उन्होंने बालिकाओं द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, कुपोषण से मुक्ति और भू्रण हत्या रोकने संबंधित बनाई गई पेटिंग्स का अवलोकन किया और सराहा भी। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अर्चना बल्लु चौहान, प्रख्यात गांधीवादी एसएन सुब्बाराव, ग्वालियर से मोहन राठौर, कलेक्टर भास्कर लक्षकार, संयुक्त संचालक महिला बाल विकास सुरेन्द्र सिंह तोमर, जयंत वर्मा आदि मौजूद थे।