तिनका-तिनका जोडक़र बनाए थे आशियाने, जमाई थी गृहस्थी, आँखों के सामने सब राख में बदले
गुस्साए लोगों ने रात में ही किया चक्का जाम, वाहनों पर पथराव, भारी पुलिस बल पहुँचा
-निज प्रतिनिधि-
गुना। तिनका-तिनका जोडक़र अपने आशियाने सजाए थे, आशियाने भलें ही घास-फूस के थे, किन्तु उनके लिए वह किसी राजमहल से कम नहीं थे, अपने इसी राजमहल में उन्होने थोड़ी-थोड़ी कर गुजर-बसर लायक गृहस्थी भी जमा की थी। सिर पर छत और छोटी सी गृहस्थी लेकर वह अपनी आँखों में भविष्य के सुनहरे सपनें संजों रहे थे, किन्तु बीती रात सब आग की भेंट चढ़ गए। तिनका-तिनका जोड़क़र बनाए आशियानें, जमाई गृहस्थी सब उनकी आँखों के सामने ही राख के ढेर में तब्दील हो गए। इसी के साथ उनके सपनें भी स्वाहा हो गए। यह ह्दयविदारक घटना नानाखेड़ी क्षेत्र की है, जहां बीती रात हुई आगजनी में करीब सात घर जलकर राख हो गए। इसके चलते ठिठुरती ठंड में इनमें रहने वाले परिवार सडक़ पर आ गए। इस दौरान आंसुओं का सैलाब देखने को मिला। आग कैसे लगी? इसका स्पष्ट रुप से कुछ पता नहीं चल सका है, किन्तु पीडि़तों का कहना है कि बस्ती खाली कराने की मंशा से आग पेट्रोल डालकर साजिश के तहत लगाई गई है। अपने इसी आरोप के चलते पीडि़तों ने रात में सडक़ पर आकर चक्काजाम किया। इस दौरान उन्होने पथराव करते हुए वाहनों में भी तोडफ़ोड़ की।
अचानक लगी आग, सात घर राख
बताया जाता है कि नानाखेड़ी क्षेत्र में बाल संप्रेषण गृह के पास कुछ लोग कच्चे घर बनाकर रहते है। यहां स्थित एक घर में बीती रात अचानक आग लग गई। जिससे अन्य घरों को भी अपनी चपेट में ले लिया। घास-फूस के इन घरों के कारण आग ने जल्द ही विकराल रुप धारण कर लिया। आग लगने के साथ ही परिजन बाहर निकल गए। ईश्वर की कृपा रही कि सब जाग रहे थे, अगर आग सोते समय लगती तो बड़ा हादसा हो सकता था। आग लगने की सूचना दमकल को दी गई। जिस पर दमकल मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया, किन्तु तब तक सब कुछ आग की भेंट चढ़ चुका था।
प्रलाप से फट गया कलेजा
अपने आशियानें और गृहस्थी को अपनी अँाखों के सामने राख होते देखकर पीडि़तों का कलेजा फट गया और दर्द आंसुओं के सैलाब के साथ बह निकला। दृश्य इतना ह्दयविदारक था कि देखने वालों का कलेजा फट गया। महिलाओं और बच्चों का तो रो-रोकर बुरा हाल था। ठिठुरती ठंड में सब सडक़ पर आ गए थे। वातावरण में चारों तरह प्रलाप समाया हुआ था। पीडि़तों को कहना था कि उन्होने कितनी मुश्किल से अपने आशियानें तैयार किए थे, सब आग की भेंट चढ़ गए। उन्हे सबसे ज्यादा चिंता इस बात की थी कि अब उनके परिवार का क्या होगा?
प्रशासन ने की सहायता की तैयारी
पीडि़त परिवारों को आर्थिक सहायता सहित अन्य सहायता उपलब्ध कराने की प्रशासन ने तैयारी कर ली है। तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वैच्छिक अनुदान के तहत भी आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जाएगी। इसके साथ ही पीडि़तों के आरबीसी प्रकरण भीे बनाए ही जा रहे हैं। इसके साथ ही पीडि़तों के आगामी कुछ दिनों तक राशन की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके साथ ही समाजसेवी जन भी सहायता के लिए आगे आए। पीडि़त परिवार को रात में कंबल, खाने -पीने की सहायता उपलब्ध कराई गई। रइसके साथ ही सोमवार को भी उन्हे दिलासा देने के लिए समाजसेवी और राजनेता पहुंचते रहे। यह क्रम दिन भर चला।
राख में खोजते रहे गृहस्थी
आगजनी में घास-फूस के आशियानें पूरी तरह खाक हो जाने के बाद भी पीडि़तों में उम्मीद बची थी कि शायद कुछ बचा हो, इसलिए जब राख ठंडी हो गई तो वह इस राख में अपनी गृहस्थी खोजते रहे। सोमवार को सुबह से लेकर दोपहर तक उनकी कोशिश चलती रही। यहां मासूम बच्चों को राख में कुछ खोजते देख देखने वालों का ह्दय चित्कार कर उठा। दृश्य इतना मार्मिक था कि व्यक्त करने को शब्द नहीं मिल रहे है।
आंसुओं के साथ फट पड़ा आक्रोष
पीडि़तों का कहना रहा कि आग अचानक नहीं लगी है, बल्कि साजिश के तहत पेट्रोल डालकर लगाई गई है। उन्होने बताया कि पिछले लंबे समय से उन पर बस्ती खाली करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। इसी के चलते यह आग लगाई गई है। अपने इसी आरोप को लेकर पीडि़तों का आक्रोष फट गया और उन्होने आंसू भरे चेहरे के साथ सडक़ पर आकर जाम लगा दिया। इस दौरान उन्होने पथराव करते हुए कुछ वाहनों में भी तोडफ़ोड़ की। सूचना मिलने के बाद पुलिस प्रशासन मौके पर पहुँचा और स्थिति को नियंत्रण में लिया। तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव एवं सीएसपी संजय चतुर्वेदी भी पहुँच गए थे। करीब एक घंटे तक पीडि़तों ने यहां प्रदर्शन किया। इसके चलते मार्ग पर आवागमन अवरुद्व हो गया। जिसमें कई वाहन फंस गए।
रैनबसेरा में पहुंचे पीडि़त
बेघर हुए पीडि़तों के रहने की व्यवस्था रैन बसेरा में की गई थी। इसके साथ ही उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई। सोमवार को यहां भाजपा-कॉग्रेस नेताओं के साथ कलेक्टर भास्कर लक्षकार भी पहुँचे। कलेक्टर ने उन्हें नियमानुसार आर्थिक सहायता मुहैया करवाने का आश्वासन भी दिया। इसके साथ ही नपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह सलूजा भी मौके पर पहुंचे और पीडि़तों के आंसू पोंछने के साथ उन्हे हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
इनके जले आशियाने
इस आगजनी में श्यामलाल पुत्र अलमा अहिरवार, कल्लू पुत्र मौजी, विजय सिंह पुत्र झींगा अहिरवार, गोवर्धन पुत्र प्यारेलाल जाटव, अमरसिंह पुत्र हरलाल अहिरवार, रामजीलाल पुत्र लटूरा ढीमर व शिवलाल पुत्र खेमा ढीमर के आशियाने जले है।