नशेडिय़ों का गढ़ बना गुना, पान की गुमठी से लेकर किराना दुकान तक में खुलेआम बिक रहा नशा
मधुसूदनगढ़ में लोगों ने किया थाने का घेराव, बोले- पुलिस दे रही नशे के कारोबारियों को संरक्षण
-निज प्रतिनिधि-
गुना। गुना शहर पिछले लंबे समय से नशेडिय़ों का गढ़ बना हुआ है। शहर की गलियों से निकलकर नशे का यह कारोबार गांव की पगडंडियों तक पहुंच चुका है। आलम यह है कि जहां पान की गुमठियों से लेकर किराना दुकानों तक में खुलेआम नशे की सामग्री खरीदी और बेची जा रही है तो युवाओं से लेकर बच्चे तक इसकी चपेट में आ चुके है। बावजूद इसके नशे के कारोबार को रोकने कड़े कदम नहीं उठाए जा रहे है। गंभीर बात यह है कि कहीं-कहीं पुलिस पर नशे के कारोबारियों को संरक्षण देने के आरोप भी लगते है। ऐसे ही आरोप रविवार को भी मधुसूदनगढ़ में पुलिस पर लगे। जहां लोगों ने नशे के खिलाफ थाने का घेराव कर अपना गुस्सा जाहिर किया। गौरतलब है कि नए पुलिस कप्तान राहुल कुमार लोढ़ा के सामने भी यहीं सबसे बड़ी चुनौती है और उन्होने इसे मानते हुए अपनी पहली अपराध समीक्षा बैठक में इसको लेकर सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित भी किया है।
बच्चे भी आ चुके है नशे की चपेट में
जिले में नशे का कारोबार कितनी तेज से फैल रहा है, इसका अंदाजा महज इससे ही लग जाता है कि शहर की तंग गलियों से निकलकर यह कारोबार गांव की पगडंडियों तक पहुंच चुका है। क्या गुना, क्या बीनागंज, क्या चांचौड़ा, क्या राघौगढ़ हर जगह नशेडिय़ों की तादाद दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मधुसूदनगढ़, कुंभराज, आरोन, म्याना, बजरंगगढ़ जैसी छोटी तहसील एवं कस्बे भी नशे की गिरफ्त में आने से बचें नहीं है। युवा पीढ़ी तो नशे की गिरफ्त में आकर अपना भविष्य बर्बाद कर ही रही है, वहीं अब तो बड़े पैमाने पर बच्चे भी इसका शिकार हो रही है। कोई सिगरेट से नशा ले रहा है तो कोई पुडिय़ा है तो कोई इंजेक्शन से नशे की दुनिया की सैर करने में लगा हुआ है। कुछ जगह तो महिलाएं और युवतियां तक नशा करने में लग गईं हैं।
बढ़ रहीं है चोरी की घटनाएं
नशे के कारोबार के चलते चोरी की घटनाओं में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। गौरतलब है कि नशे का शौक काफी महंगा होता है। 250 से 300 रुपए की पुडिय़ा होती है। इंजेक्शन भी इसी तरह के मिलते है। इसके चलते नशे के शिकार लोग इसके लिए चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे है। इससे चलते जिले भर में चोरी की घटनाएं सामने आ रहीं है। छोटी-मोटी चोरी की घटनाएं को लेकर पुलिस कार्रवाई में भी यह बात सामने आ चुकी है कि इन्हे अधिकांशत: नशेड़ी ही अंजाम देते है। दोपहिया वाहन चोरी के साथ गेट के ऐंगल, खिड़किया, सडक़ पर लगी जालियां, गुमठियों के सामान या अन्य कोई छोटे-मोटे सामान की चोरी लगातार बढ़ती जा रही है।
हर जगह हो रही सहजता से उपलब्धता
जिले में नशे के शिकार लोगों के बढऩे की तादाद इसलिए भी अधिक है कि यहां नशा बहुत सहजता से उपलब्ध हो रहा है। पहले तो यह चुंनिदा स्थानों पर ही मिलता था, किन्तु अब तो चाय-पान की गुमठियों से लेकर किराना दुकानों तक भी इसकी उपलब्धता सहज है। दूरस्थ बस्तियों के साथ यह गली-मोहल्लों और सडक़ चलते भी मिल जाता है। ऐसा भी नहीं है कि यह सब बहुत ज्यादा चोरी-छिपे हो रहा है, बल्कि यह कारोबार खुलेआम चल रहा है।इसके चलते कुछ-कुछ इस कारोबार को पुलिस का संरक्षण होने के आरोप सही भी प्रतीत होते है।