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एक वोट से ही दुनिया में रचे गए इतिहास

Update: 2018-11-13 15:23 GMT

गुना (हिस)। क्या आप जानते हैं कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का हिस्सा हैं। यह हमारा सौभाग्य है क्योंकि हमारे देश में 18 साल से ज्यादा आयु का कोई भी व्यक्ति अपना वोट डाल सकता है। जबकि दुनिया के शक्तिशाली देशों में शामिल चीन सहित कई देशों में नागरिकों को वोट डालने का अधिकार प्राप्त ही नहीं है। इस तरह के ज्वलंत व तीखे सवालों के जरिए मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरुक करने का काम कर रहा है शहर का एक जागरुक ग्रुप।

इस ग्रुप के सदस्य लोगों के घर घर जाकर, पेंपलेट बांटकर लोगों को उनके वोट की ताकत का अहसास कराकर मतदान करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जागरुक ग्रुप के सदस्य लोगों को बता रहे हैं कि मतदान का अधिक प्रतिशत न होने के कारा शासन करने वाली सरकार जनसंख्या के केवल एक थोड़े से भाग का ही प्रतिनिधित्व करती है। क्योंकि अधिकांशत: यह देखने में आता है कि समाज के सपन्न एवं शिक्षित वर्ग अपने वोट का उपयोग कम करते हैं। इस बात का फायदा उठाकर कुछ उम्मीदवार गरीब जनता व अशिक्षित वर्ग को बहला फुसलाकर मनचाहा मतदान करा लेते हैं। जिससे गलत लोगों की सत्ता में पहुंचने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और हम अपना वोट न देकर 5 सालों तक घर में बैठकर केवल एक आलोचक की भूमिका निभाते हैं।

जागरुक ग्रुप के सदस्य लोगों से अपील कर रहे हैं कि वह अपनी बेहद व्यस्त जिंदगी में से मात्र 30 मिनट निकालकर अपना वोट दें एवं दूसरों को भी प्रेरित करें। अपने वोट की ताकत को पहचानें यह आपका अधिकार ही नहीं कर्तव्य भी है। जिससे हम आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर भारत सौंप सकें।

जरा सोचिए ! एक वोट से कब क्या हुआ

ग्रुप के सदस्य लोगों को जागरुक करने एक वोट का महत्व समझाने पुराने उदाहरण भी बता रहे हैं। जिनमें मात्र एक वोट से अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिर गई जिससे देश में फिर से चुनाव कराना पड़े और इसका आर्थिक बोझ भी जनता को उठाना पड़ा था। इसी तरह मात्र एक वोट ने 1875 में फ्रांस को राजतंत्र से लोकतंत्र बनाया। 1773 में एक वोट से अमेरिका को जर्मन के वजाय अंग्रेजी भाषी बनााय। इसलिए आप यह न सोचें कि आपके एक वोट से क्या होगा।

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