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सशक्त अभिनय वाली बेबाक अभिनेत्री हैं कंगना रनौत

Update: 2019-12-01 12:31 GMT

आप कंगना रनौत की तनु वैड्स मनु देख लीजिए। विदेश से पढ़कर अपने मध्यमवर्गीय परिवार में लौटीं कई युवतियां किस कदर नए रंग ढंग लिए होती हैं इसमें खूब दिखेगा। मेट्रो सिटी में लड़कियों का मानस, बात, व्यवहार और जीवन किस कदर बदल रहा है यह फिल्म खूब दिखाती है। अब आप इसी फिल्म में एथलेटिक कुसुम सांगवान बनी दूसरी कंगना को देख लीजिए। हरियाणा के गांव की लड़कियां नई दिल्ली में किस ठसक और आत्मविश्वास से बात करती हैं कंगना ने गजब अदाकारी से दिखाया है। फिल्म में वही कुसुम सांगवान अपने गांव में परंपरागत हरियाणवी शादी ब्याह बात व्यवहार का बेहतरीन चित्र दर्शकों के समक्ष उकेरती है।

तनु वेड्स मनु पार्ट १ व पार्ट २ नाम से बनीं ये दो फिल्में कंगना रनौत की अभिनय प्रतिभा को रोचक ढंग से सामने लाती हैं। वे वास्तव में अपनी अदाकारी के साथ अपनी साफगोई और बेबाकी के लिए भी जानी जाती हैं। कंगना मौजूद दौर में ऐसी अभिनेत्री हैं जिन्होंने नायकों के प्रभुत्व को सीधे चुनौती दी है। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में नायकों के समान मेहनताने की बात उठाई तो निर्माताओं की तरफ से चुप्पी सध गई। हालांकि सिनेमा के लिए यह बेहतर हुआ है कि कंगना की तरह दीपिका पादुकोण सहित कुछ अन्य अभिनेत्रियों ने भी इस मुद्दे को आगे बढ़ाया है। निसंदेह बेबाकी भी जरुरी है और ऐसे मौकों पर इस तरह की साफगोई का असर भी होता है। एक संस्कृत श्लोक में उल्लेख है कि जंगल में सीधे वृक्ष ही सबसे पहले काटे जाते हैं। कंगना जैसी महिला कलाकार समानता के इसी अधिकार के लिए बेबाकी से जब बात रखती हैं तो उसे उसी प्रसंग में लिया जाना चाहिए।

हिन्दी सिनेमा में कलाकारों के खेमे रहे हैं और बहुत से पुरुष कलाकार ही तय करते रहे हैं कि मौजूदा दौर की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्री कहलाने की कौन हकदार है। लंबे समय तक किवंदती सी बनी रही कि बिना सलमान खान, शाहरुख खान और आमिर खान के साथ काम किए कोई अभिनेत्री सुपरस्टार नहीं कहला सकती। सलमान खान तो इस कथित ट्रेंड को ऐसे बनाए रहे कि लंबे समय तक अनेक नवोदित अभिनेत्रियां उनके साथ फिल्म को सफलता का पैमाना मानती रहीं हैं। कंगना रनौत ने बॉलीवुड के इन्हीं स्थापित मानदण्डों पर करारी चोट की है। वे आज सितारा छवि के साथ सबसे चर्चित हैं। उन्होंने यह याति तथाकथित खान त्रयी के बिना हांसिल की है ये सबसे बड़ी बात है। कंगना का ये अपने अंदाज में रहना और अपनी बात बेबाकी से रखना कई बार उनके लिए परेशानी का सबब बना है। उन पर तमाम आरोप प्रत्यारोप भी लगातार लगते आए हैं। पिछले दिनों मणिकर्णिका की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उनकी और एक अंग्रेजी सिने पत्रकार के बीच कुछ गर्मागर्म बातें हुईं तो आश्चर्यजनक रुप से मुंबई मीडिया का एक बड़ा मजबूत वर्ग उनके खिलाफ हो गया। उनकी फिल्म मणिकर्णिका का प्रमोशन से लेकर प्रेसवार्ताओं तक बॉयकट किया गया। इसके पीछे कंगना के बढ़ते कद से चिंतित स्थापित कलाकारों और उनकी खेमेबाजी की भूमिका भी चर्चा में रही है। यह दौर मुंबई सिनेमा के कई कलाकार देख चुके हैं।

हाल कुछ ऐसे रहे है कि कुछ नामचीन कलाकारों से दोस्ती रखे बिना आपकी राह मुश्किल हो जाती है ऐसे में अगर आपने दुश्मनी अथवा कुछ कढ़वे बोल बोल दिए तो फिर आपको मुंबई से अघोषित देश निकाला मिल जाता है। कंगना रनौत इन सारे दौरों को देखने के बाद हिन्दी सिनेमा में छायी हुई हैं ये सबसे अच्छी बात है। रिवॉल्वर रानी से लेकर मणिकर्णिका तक वे नायिका प्रधान फिल्मों की ओर सफलापूर्वक बढ़ी हैं। मणिकर्णिका में तो महारानी लक्ष्मीबाई की वीरता और पराक्रम को उन्होंने एक कलाकार के साथ निर्माता के रुप में भी फिल्म में दर्ज कराया था। वे अब फिर नए अवतार में सामने आ रही हैं। तमिलनाडु की पूर्व मु यमंत्री और दक्षिण की राजनीति में अ मा के नाम से सुप्रसिद्ध जयललिता पर केन्द्रित फिल्म में आकर। ये फिल्म थलाइवी नाम से बन रही है और इस फिल्म का पहला पोस्टर इन दिनों चर्चा में छाया हुआ है। अपने मेकअप और हरी साड़ी पहने जयललिता के रुप में वे इंटरनेट पर अनगिनत बार सर्च की जा रही हैं। कंगना का करियर देखिए तो पता लगेगा कि चुनौती और विवाद उनके साथ बराबर से रहे हैं। थलायवी फिल्म के टीजर में कंगना के मेकअप को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें अनेक लोगों ने जमकर ट्रोल किया तो अनगिनत लोग कंगना को जयललिता के किरदार में देखने को बेसब्र हैं। कुल मिलाकर नई चुनौतियों को लेना उनका सामना करना और अपने दम पर खड़ा होना कंगना रनौत को आता है। वे अब सिनेमा में अपने दम पर हैं और अपने दम पर फिल्म को चलाने वाली बेहतरीन अभिनेत्री के रुप में र्निर्ववाद रुप से स्थापित हो चुकी है। राम मंदिर पर आए फैसले के बाद उन्होंने अपराजित अयोध्या नाम से फिल्म बनाने की घोषणा करके मुंबई सिने जगत को चौंका दिया है। इस फिल्म को लेकर कंगना की पूरी बात की हम अलग से चर्चा करेंगे। अभी तो सवाल है कि थलायवी में वे जयललिता के किरदार में कितना डूब पाती हैं। इस प्रश्न का जवाब भी नए साल में उन्हें जयललिता के निभाए पूरे किरदार को देखकर ही पता लग सकेगा सो फिलहाल तो उनकी मेहनत, लगन, बेबाकी और जज्बे को सलाम करने का वक्त है।

विवेक पाठक 

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