इरफान खान-राधिका मदन और करीना कपूर की फिल्म अंग्रेजी मीडियम, पढ़े पूरी खबर
फिल्म : अंग्रेजी मीडियम
कास्ट: इरफान खान, राधिका मदन, करीना कपूर ,दीपक डोबरियाल, डिंपल कपाड़िया, रणवीर शोरे ,पंकज त्रिपाठी
निर्देशक: होमी अदजानिया
स्टार: **2
कहानी
राजस्थान के उदयपुर शहर में चंपक बंसल (इरफान खान) जो पेश से एक साधारण व्यवसायी है। उसका एक छोटा सा घसीटाराम नाम से मिठाई की दुकान है। चपंक की एक बेटी है, जिसका नाम तारिका बंसल (राधिका मदान) है। चंपक सिंगर पेरेंट है। चंपक की वाइफ का निधन बेटी के जन्म के बाद ही हो गया था। वाइफ के निधन के बाद चंपक अपनी बेटी तारिका का पालता-पोषता खुद करता है और उनकी पढ़ाई और उसके सपने को पूरा करने के लिए दिनरात मेहनत करता है। चंपक की बेटी तारिका बचपन से ही एक सपना है कि वो लंदन जाकर पढ़ाई करे। बड़ी होकर वो खूब मेहनत करती है और उसे उसके कॉलेज द्वारा लंदन के ट्रेफॉर्ड यूनिवर्सिटी में जाकर पढ़ने का मौका मिलता है, लेकिन इस बीच उसके पिता की एक गलती के कारण उसका सपना चूर हो जाता है। चंपक यही से कसम खाता है कि वो कुछ भी करके अपनी बेटी को उस कॉलेज में एडमिशन जरूर दिलाएगा। चंपक के इस फैसले पर उसका भाई गोपी (दीपक डोबरियाल) उसकी मदद करता है और उसकी बेटी को लंदन पढ़ाने के लिए कई जुगाड़ लगाता है। बेटी को लंदन भेजने के लिए चपंक कई पैंतरे अपनाता है। वह लंदन भी जाता है, लेकिन पुलिस (करीना कपूर) के हाथों पकड़ा जाता है। यू कहें तो कहानी वहीं जो आपने ट्रेलर में देखा था, लेकिन सवाल यह है कि लंदन जाने के बाद क्या गोपी और चंपक अपनी चालाकी में कामयाब हो पाते हैं? या क्या तारिका बसंल अपना एडमिशन लंदन में करा पाने में कामयाब हो जाएंगी ? क्या चंपक की चालाकी और उनकी जालसाजी पर करीना कपूर उन्हें लंदन जेल में बंद कर देंगी या छोड़ देती हैं...? ये सब जानने के लिए आपको सिनेमा घर जाना पड़ेगा।
एक्टिग
चंपक बंसल भी अपनी बिटिया को लंदन की यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के लिए हर कोशिश करता है। जिस दौरान इनका रिश्ता कई उतार- चढ़ाव और नई भावनाओं से गुजरता है। फिल्म की कहानी में एक तरफ जहां आपको दीपक डोबरियाल और इरफान खान हंसाएंगे तो वहीं राधिका मदान और इरफान के बीच पिता और बेटी की बॉन्डिंग आपको इमोशनल कर देंगे। एक दृश्य में बेटी पिता से कहती है- पापा, आपको नॉक (knock) करके मेरे घर आना चाहिए था। थोड़ी हैरानगी और दुख के साथ लौटते पिता ने कहा- तारू, तू कभी भी घर आ सकती है, बिना नॉक किए, तेरे लिए मेरे दरवाजे हमेशा खुले मिलेंगे। ऐसे ही संवेदनशील और कुछ खूबसूरत संवादों से सजी है 'अंग्रेजी मीडियम'। फिल्म में इमोशन और कॉमेडी के जरीए मां- पिता के साथ बच्चों के बदलते रिश्तों के कई रंग को दिखाया गया है। फिल्म में एक पिता के रोल में इरफान ने ये साबित कर दिया है वह किसी भी रोल के लिए हमेशा परफेक्ट रहेंगे। उनकी एक्टिंग और इमोशनल कर देना वाला सीन आपको बेदह पसंद आएंगा। वहीं राधिका मदान भी अपने रोल में फिट बैठती हैं उन्होंने फिल्म में शानदार एक्टिंग की है। दीपक डोबरियाल की कॉमेडी और उनकी बातें आपको भाएंगी। भले ही वह इरफान के संग हमेशा लड़ता रहा तो लेकिन जरुरत में हरवक्त अपने भाई के साथ खड़ा है। करीना कपूर खान का रोल भले ही छोटा है लेकिन वह भी अपने रोल में खूब पसंद आएंगी। पुलिस के अंदाज में करीना की एक्टिंग शानदार है। डिंपल कपाड़िया, पंकज त्रिपाठी, तिलोत्तमा शोम जैसे बेहतरीन कलाकारों को कुछ खास कर दिखाने का मौका ही नहीं दिया गया। हालांकि कलाकारों ने अच्छी एक्टिंग की है।
डायरेक्शन
अंग्रेजी मीडियम देखने के बाद आपको यही लगेगा कि कहीं ना कहीं यह फिल्म अपने नाम के साथ पूरा न्याय नहीं करती है। क्योंकि आपको कहीं भी ये नहीं लगेगा की यह फिल्म किसी भाषा विशेष को लेकर बनाया गया है। क्योंकि फिल्म में शिक्षा पद्धति पर काफी कम बात की गई है। यूं कहें तो इस फिल्म में एक सिंगर पिता और बेटी के रिश्ते को पूरी सच्चाई से दिखाने में सफल रही है। होमी अदजानिया के डायरेक्शन में बनी इस मे कॉमेडी का जबरदस्त तड़ता है। लेकिन कई जगह बहुत ज्यादा खींची हुई लगती है। कई सीन फिल्म में ऐसे हैं, जिनकी कोई जरूरत नहीं थी और उनके बिना भी फिल्म को आगे बढ़ाया जा सकता था।