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सोना खरीदने का है अभी सुनहरा मौका, नहीं तो दिवाली तक हो जाएगा इतना महँगा

Update: 2019-09-11 08:47 GMT

नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर पीली धातु में रही नरमी के बीच दिल्ली सरार्फा बाजार में सोना मंगलवार को 400 रुपये लुढ़ककर करीब तीन सप्ताह के निचले स्तर 38,970 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया है। अगर आप शादी या त्योहार के लिए सोना खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो यह खरीदारी के लिए अच्छा समय है, क्योंकि अगर एक्सपर्ट की माने तो दिवाली तक 10 ग्राम सोने का भाव 42000 रुपये तक जा सकता है।

दिवाली और त्योहारों तक 10 ग्राम सोने का भाव 42000 रुपए तक पहुंच सकता है। अभी ग्राहकों के लिए सोने खरीदने का अच्छा समय है क्योंकि आगे लंबे समय में सोने का दाम बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन में ट्रेड वार के कारण चीन हेजिंग के लिए गोल्ड खरीद रहा है जिसके कारण इंटरनेशनल मार्केट में सोने की मांग और दाम दोनों बढ़ रहे हैं। इसका असर घरेलू मार्केट में भी नजर आ रहा है। दुनिया भर में 'मंदी की आशंका से सोने की कीमतों में उछाल आया है। उन्होंने कहा कि दिवाली के समय सोना 42,000 रुपये तक और चांदी 52,000 रुपये तक पहुंच सकती है। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के उपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन का मानना है कि सोने की कीमतों को कमजोर होते रुपये से भी समर्थन मिल रहा है।

कल मंगलवार को 10 ग्राम सोने सोने का भाव 38,970 और चाँदी 100 रुपये की गिरावट में 48,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर रही। विश्लेषकों का अनुमान है कि कहना है कि सोने में तेजी अभी जारी रहेगी और दिवाली तक इसकी कीमत नया रिकॉर्ड बना सकती है। इस कैलेंडर वर्ष में सोने ने निवेशकों को 20 प्रतिशत से अधिक लाभ दे चका है जबकि 2018 में इसमें निवेश का प्रतिफल करीब 6 प्रतिशत था।

आर्थिक सुस्ती के बीच सोना नित नई ऊंचाई को छू रहा है और चांदी की चमक भी बढ़ रही है और विश्लेषकों का अनुमान है कि पीली धातु की चमक अभी कुछ और समय तक बनी रहेगी। इस समय जबकि देश दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में नरमी या गिरावट का दौर चल रहा है, शेयर बाजार टूट रहे हैं और प्रॉपर्टी बाजार भी 'ठंडा है, ऐसे में सोना उन गिनी चुनी परिसम्पत्तियों में है जो निवेशकों के लिए सुरक्षित और अकर्षक लग रही है।

गत 31 दिसंबर को दिल्ली में सोने का भाव 32,270 रुपये प्रति दस ग्राम था जो आज 39,000 पर चल रहा है। इस तरह वर्ष 2019 में सोना निवेशकों को अब तक 20 प्रतिशत से अधिक का प्रतिफल दे चुका है। इसी तरह चांदी भी 39,000 रुपये प्रति किलोग्राम से इस कैलेंडर साल में 50,000 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच चुकी है। इस तरह बहुमूल्य धातुओं ने निवेशकों को उम्मीद से बेहतर रिटर्न दिया है। सोने में तेजी के पीछे घरेलू व अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार के कारक है। अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध, वैश्विक नरमी और ब्रेक्जिट(ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से निकलने के मसलों) की वजह से भी निवेशकों का झुकाव सोने की ओर से बढ़ा है। इस साल के अंत तक सोना 41,500 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर को पार कर सकता है। उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट सोने की कीमतों में तेजी की एक प्रमुख वजह है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समय सोना तेज है, लेकिन कीमतों में उछाल का नकारात्मक असर बिक्री पर पड़ सकता है जिससे सारी परिस्थितियां पलट सकती हैं।

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