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जेट एयरवेज को उबारने के लिए केंद्र सरकार ने की टाटा से बात

Update: 2018-11-16 09:58 GMT

नई दिल्ली। केंद्र की नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार ने आर्थिक परेशानी का सामना कर रही जेट एयरवेज को उबारने के लिए टाटा कंपनी से बात की है। यह जानकारी इस मामले के जानकार एक सूत्र ने दी है। हालांकि टाटा के प्रवक्ता ने भी इस जानकारी से इनकार नहीं किया है।

इसके तहत सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से इस कंपनी को छूट देने की भी बात की है। जानकारी के मुताबिक टाटा बोर्ड जेट एयरवेज का आज अधिग्रहण कर सकती है। अगर एेसा संभव हो जाता है तो टाटा ग्रुप को एविएशन क्षेत्र में विस्तृत बाजार उपलब्ध हो जाएगा। मोदी सरकार देश की दूसरी एविएशन कंपनी जेट एयरवेज को असफल होने से बचाना चाहती है।

उल्लेखनीय है कि टाटा कंपनी एविएशन क्षेत्र से अछूता नहीं है। जहांगीर रतनजी दादाभाय टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की शुरुआत की थी। यही टाटा एयरलाइंस बाद एयर इंडिया के रूप में तब्दील हो गई। जबसे सरकार ने एविएशन के क्षेत्र में निजी कंपनियों के आने को मंजूरी दी तो टाटा की एक कंपनी टाटा संस लिमिटेड ने सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर विस्तारा एयरलाइंस नाम की कंपनी का गठन किया लेकिन यह कंपनी बाजार में पूरी तरह से स्थापित नहीं हो पाई।

इसके पास भारतीय बाजार के कारोबार का महज 8.2 फीसदी की हिस्सेदारी है। अगर टाटा जेट का अधिग्रहण कर लेती है तो इसे बाजार में 24 फीसदी की हिस्सेदारी और मिल जाएगी। फिर इंडिगो के बाद टाटा एविएशन के क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनी होगी। साथ ही जेट की एक और साझेदार अबू धाबी की एतिहाद एयरवेज के माध्यम से टाटा को बिजनेस करने में कुछ और सुविधाएं भी मिल जाएंगी। 

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