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जेवरात लोन को लेकर सख्त हुआ एसबीआई

Update: 2018-10-29 04:46 GMT

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। 13,500 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के बाद स्टेट बैंक अॉफ इंडिया (एसबीआई) भी जेवरात लोन को लेकर सख्त हो गया है। इसने अब जेवरात लोन के तहत किसी व्यक्ति को अधिकतम 100 करोड़ व कॉरपोरेट को 250 करोड़ रुपये देने का फैसला लिया है। इसमें भी अब बैंक अधिकांश राशि गोल्ड लोन के रूप में देगी। इसके साथ उस व्यवस्था की इतिश्री हो जाएगी जिसके तहत स्टॉक की एवज में क्रेडिट लोन स्वीकृत किए जाते थे।

बैंक प्रबंधन की ओर से प्रस्तावित योजना के मुताबिक नए ग्राहकों के लिए कोलेटरल (जमानत की राशि) में भी बढ़ोतरी की जा सकती है। बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक रत्न व जेवरात (जेम्स एंड ज्वेलरी) को लेकर दिए जाने वाले लोन व्यवस्था पर पुनर्विचार किया जा रहा है। हालांकि जेम्स एंड ज्वेलरी की कंसल्टेंसी करने वाले ललित बजाज के मुताबिक एसबीआई की ओर से प्रस्तावित योजना व्यावहारिक नहीं है।

जानकारी के मुताबिक प्रस्तावित नियमन एक बार मंजूर हो जाने के बाद नए ग्राहकों के लिए यह तुरंत लागू हो जाएगा तो पुराने ग्राहक अगले मार्च तक अपने कर्ज को गोल्ड लोन में तब्दील करवाने के लिए बाध्य होंगे।

हालांकि इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यवसायियों को बैंक का यह नियमन जंच नहीं रहा है। उनके मुताबिक सीसी (कैश क्रेडिट) स्टॉक लिमिट को पूरी तरह गोल्ड लोन में बदलना संभव नहीं है क्योंकि उनके पास स्टॉक में अन्य चीजें (जेम्स, हीरा ) भी होती हैं। साथ ही यह उद्योग श्रम आधारित है। दूसरी तरफ निर्माण, बिक्री, बकाये की वसूली आदि कार्य में समय लगता है| इसलिए कार्यशील पूंजी की समय सीमा को भी छह महीने में बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही अगर जमानत की राशि में बढ़ोतरी हो जाएगी तो व्यवसाय कठिन हो जाएगा क्योंकि व्यवसायियों को ज्यादा पैसे जमानत पर ही लगाने होंगे।

इस बीच हीरा का व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों से कहा गया है कि वे अपने व्यवसाय से जुड़े दस्तावेज को बैंक के माध्यम से ही कहीं भेजें। अभी तक बैंक की ओर से सिर्फ माल का ही बिल मांगा जाता था। उल्लेखनीय है कि देश में बैंक की ओर से पिछले साल लगभग 69,000 करोड़ रुपये नकदी साख के रूप में दिए गए थे। इस बाबत जब एसबीआई के कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन प्रमुख रितेश मेहता से पूछा गया तो उन्होंने भी इस जानकारी से इनकार नहीं किया।

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