नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) पर खरीफ फसलों की खरीद की व्यापक राष्ट्रीय योजना बनाई है। कुछ राज्यों ने किसानों की रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दी है। साथ ही कुछ राज्यों ने मंडी अधिकारियों को किसानों से ज्यादा से ज्यादा मात्रा में उनकी फसल खरीदने के निर्देश दिए हैं। इस बीच केन्द्र सरकार ने नैफेड को पिछले वर्ष खरीद की गई दालें और चने के 55 लाख टन पुराने भंडार को खाली करने को कहा है। इसके साथ बाजार में चने के साथ ही अन्य दालों की कीमतें भी एम.एस.पी. से नीचे आ गई हैं। यानी अब गरीब की दाल सस्ती हो गई है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने धान पर एम.एस.पी. के अलावा 300 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने का फैसला किया है। केन्द्र सरकार ने धान की साधारण किस्म का एम.एस.पी. 1,750 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। राज्य सरकार इस साल मक्के की भी खरीद करेगी। धान की फसल और गेहूं की तरह ही मक्का, तिलहन तथा दालों की ज्यादा से ज्यादा खरीद करने को कहा है। मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को अपनी खरीफ फसलों को रजिस्टर्ड कराने की सुविधा शुरू कर दी है। इसके अंतर्गत उनकी सारी फसल खरीदी जाएगी या भावांतर योजना के अंतर्गत कीमतों में अंतर की पूर्ति की जाएगी अथवा राज्य सरकारों की तरफ से विशेष इंसैंटिव्स भी दिया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 28 जुलाई से शुरू होगी और 31 अगस्त तक चलेगी, जिसमें धान की फसल और मक्का समेत 13 प्रमुख खरीफ फसलें शामिल होंगी।