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सरकार का बड़ा फैसला : PLI स्किम को एसी, एलईडी एवं सौर ऊर्जा क्षेत्र में मिली मंजूरी

Update: 2021-04-07 13:03 GMT

नईदिल्ली। आत्मनिर्भर भारत के तहत देश में विश्व स्तरीय उत्पाद तैयार करने के लिए चलाई जा रही 'उत्पादन आधारित प्रोत्साहन' (पीएलआई) योजना में सरकार ने दो और क्षेत्रों को जोड़ा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 'व्हाइट गुड्स' एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट तथा उच्च क्षमता वाले सोलर पैनल के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री के पीयूष गोयल के अनुसार, इससे एसी 4500 और एलईडी लाइट सेक्टर के प्रोडक्शन के लिए करीब 6,238 करोड़ रुपये का लाभ होगा। 

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत सरकार की पीएलआई योजना लोकप्रिय होने के साथ ही देश को आर्थिक गति प्रदान कर रही है। आज इसमें उच्च गुणवत्ता वाले सोलर पैनल और एलइडी लाइट को भी शामिल किया गया है।उन्होंने कहा की सरकार का उउद्देश्य उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा की सरकार ने  देश में विश्व स्तरीय उत्पाद तैयार करने के लिए 13 क्षेत्र चिन्हित किए हैं। इनमें आज के दो क्षेत्र मिलाकर अबतक 9 क्षेत्रों में पीएलआई योजना को मंजूरी मिल चुकी है, 4 योजनाओं पर आगे तैयारियां चल रही हैं।

4 से 6 प्रतिशत इंसेंटिव - 

केंद्रीय मंत्री ने बताया की वाइट गुड्स के लिए घोषित पीएलआई योजना के तहत भारत में एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स के निर्माण में लगी कंपनियों को पांच साल की अवधि के लिए निर्मित वस्तुओं की वृद्धिशील बिक्री पर 4 से 6 प्रतिशत का इंसेंटिव दिया जाएगा।  उन्होंने कहा की अधिकांश उत्पादन एमएसएमई बनाते हैं, इसलिए उन्हें बड़ा फायदा होगा। इस  क्षेत्र में चार लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।  साथ ही आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी बल मिलेगा।  

सोलर पीवी विनिर्माण परियोजना -

उन्होंने बताया की दूसरी ओर सरकार सोलर पीवी निर्माताओं का पारदर्शी व प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से चयन करेगी। उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल की बिक्री पर 5 साल के पीएलआई लाभ दिया जाएगा। निर्माताओं को सौर पीवी मॉड्यूल की उच्च क्षमता और घरेलू बाजार से उनकी सामग्री की सोर्सिंग के लिए भी के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।

10 हजार की क्षमता - 

इससे एकीकृत सौर पीवी विनिर्माण संयंत्रों की अतिरिक्त 10,000 मेगावाट क्षमता तैयार होगी। सोलर पीवी विनिर्माण परियोजनाओं में लगभग 17,200 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त होगा। लगभग 30,000 लोगों का प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 1 लाख 20 हजार लोगों का अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। हर साल लगभग 1500 करोड़ रुपये का आयात कम होगा और सौर पीवी मॉड्यूल में उच्च दक्षता प्राप्त करने के लिए अनुसंधान और विकास को मदद मिलेगी।

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