SwadeshSwadesh

अब इनकम टैक्स रिटर्न में दें कारोबार-निवेश पर हुए घाटे की जानकारी

Update: 2019-07-31 02:27 GMT

दिल्ली। अगर आप वेतनभोगी हैं तो सामान्यतया आप यही मानते हैं कि वेतन या किसी अन्य मद से हुई आय की जानकारी आयकर रिटर्न यानी आईटीआर में देनी होती है। लेकिन आपको यह भी जानना चाहिए कि म्युचुअल फंड जैसे निवेश या कारोबार में हुए किसी नुकसान की जानकारी भी आईटीआर में देनी चाहिए। इस घाटे को अगले आठ आकलन वर्ष के आईटीआर में व्यवस्थित कर टैक्स की देनदारी को कम किया जा सकता है।

इक्विटी, म्युचुअल फंड या कारोबार में निवेश करने पर घाटा हुआ है तो रिटर्न में जानकारी देने से अगले वर्ष लाभ ले सकते हैं। आप अगले वित्त वर्ष में इस घाटे की एवज में कर छूट का लाभ ले सकते हैं। अगर एक वित्तीय वर्ष में दो लाख का घाटा हुआ है और अगले साल चार लाख का लाभ हुआ है तो दूसरे वित्तीय वर्ष में घाटे को व्यवस्थित कर दो लाख के लाभ पर टैक्स भरना पड़ेगा।

वेतन के अलावा दूसरे स्रोतों से आय है तो उसकी जानकारी रिटर्न में दें। बैंक में जमा रकम पर एक वित्त वर्ष में 10 हजार रुपये से अधिक ब्याज मिला है तो इस पर कर का भुगतान करना होगा। किराये से आय, शेयर, म्यूचुअल फंड से आय का ब्योरा देना होगा। एक साल बाद शेयर बेचने से एक लाख से अधिक आय हुई है तो 10 फीसदी की दर से कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान करना होगा।

-रिटर्न में इस्तेमाल होने वाले जरूरी दस्तावेज को पहले जुटा लें। इससे रिटर्न भरने में सहूलियत होगी। साथ ही गलती होने की संभावना नहीं होगी।

-सभी दस्तावेज जुटाने के बाद सही आटीआर फॉर्म का चयन करें। बहुत सारे करदाता सही रिटर्न फॉर्म चुनने में गलती कर जाते हैं।

-रिटर्न फॉर्म भरने के बाद उसको सत्यापित करना नहीं भूलें। आप यह आधार या ऑनलाइन र्बैंंकग के जरिए आसानी से कर सकते हैं।

-एक साल में बचत खाते में 10 लाख या अधिक जमा हुआ तो बैंक इसकी जानकारी विभाग को स्वत: देगा।

-एक साल में 2 लाख से अधिक क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करने पर बैंक विभाग को जानकारी देता है।

-म्यूचुअल फंड में दो लाख रुपये या अधिक के निवेश करने पर फंड हाउस कर विभाग को जानकारी देता है।

-बॉन्ड में पांच लाख रुपये से अधिक के निवेश पर बॉन्ड या डिबेंचर जारी करने वाली कंपनी सूचना देती है।

-30 लाख रुपये या इससे अधिक कीमत की अचल संपत्ति खरीदने या बेचने पर रजिस्ट्रार/ सब-रजिस्ट्रार का दायित्व है कि इसकी सूचना कर विभाग को दे।

Similar News