रिकार्ड स्तर तक भरा भारत का खजाना, 610 अरब डॉलर के पार हुआ विदेशी मुद्रा भंडार

Update: 2021-07-24 13:24 GMT

नईदिल्ली। कोरोना संक्रमण काल में जब अर्थव्यवस्था काफी दबाव में है, तब विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर देशवासियों के लिए राहत की खबर आई है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 611.895 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। भारत में ये अभी तक विदेशी मुद्रा भंडार का सर्वोच्च स्तर है। इस स्तर तक विदेशी मुद्रा भंडार के पहुंच जाने के साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत दुनिया का 5वां सबसे बड़ा देश बन गया है। 

केंद्र सरकार की ओर से जारी 9 जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार आलोच्य सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 1.883 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी, जिसके कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार 611.895 बिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया। इसके पहले 2 जुलाई को खत्म हुए कारोबारी सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 1.013 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी, जिससे इसका आंकड़ा 610.012 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था। वहीं इसके पहले कि कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन यानी 25 जून 2021 को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 608.99 बिलियन डॉलर के स्तर पर था। 

 पांचवा सबसे बड़ा देश बना -  

इन आंकड़ों के अनुसार भारत विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में चीन, जापान, स्वीटजरलैंड और रूस के बाद पांचवा सबसे बड़ा देश बन गया है। सरकार की ओर से इस बात की भी जानकारी दी गई है कि देश में चालू खाते का घाटा (करंट अकाउंट डेफिसिट) से शुद्ध पूंजी प्रवाह (नेट कैपिटल फ्लो) अधिक है। इसके साथ ही अगर वित्त वर्ष 2020-21 में भारत के पेमेंट बैलेंस के नजरिए से देखा जाए, तो करंट अकाउंट और कैपिटल अकाउंट दोनों में सरप्लस की स्थिति बनी हुई है।

99.2 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी -

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान वैल्यूएशन इफेक्ट समेत 99.2 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। जबकि इसके पिछले साल 2019-20 के दौरान यह बढ़ोतरी 64.9 बिलियन डॉलर की थी। आपको बता दें कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार का आकलन वैल्यूएशन प्रॉफिट, अन्य प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की कीमत और सोने की अंतरराष्ट्रीय बाजार में मुद्रा भंडार के वैल्यूएशन के वक्त की कीमत के हिसाब से किया जाता है।

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