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वित्त वर्ष 2019-20 में 5% ही रहेगी GDP, सरकार ने जारी किए आंकड़े

Update: 2020-01-07 15:01 GMT

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद 5 फीसदी रहने का अनुमान है। सांख्यिकी मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक जीडीपी 5 फीसदी रह सकती है, जो बीते साल 2018-19 में 6.8 फीसदी थी। जीवीए की अनुमानित ग्रोथ रेट 2019-20 में 4.9 फीसदी रह सकती है जो 2018-19 में 6.6 फीसदी थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी दिसंबर में 5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था।

बीते वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रही थी जो इस वित्त वर्ष में घटाकर 5 फीसदी का अनुमान लगाया गया है। मौजूदा वित्त वर्ष 31 मार्च को खत्म होगा। ताजा अनुमानों में अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट दूसरी छमाही में 5.25 फीसदी का अनुमान लगाया गया है। अप्रैल-जून तिमाही में ग्रोथ रेट 5 फीसदी और जुलाई-सितंबर में ग्रोथ रेट 4.5 फीसदी रही थी। आरबीआई पहले ही अपना पूर्वनुमान घटा चुका है। आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान जताया है।

ये जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान उस समय आएं हैं, जब नरेंद्र मोदी सरकार 2020-21 के बजट की तैयारी कर रही है। बजट 1 फरवरी 2020 को पेश होना है। ये अनुमान मोदी सरकार को थोड़ा आश्वासन देगी कि उपभोग और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों का असर नजर आएगा।

एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट में गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2016 में जीडीपी ग्रोथ रेट 8 फीसदी रहा जो वित्त वर्ष 2019 में 6.8 फीसदी पर आ गया। हाल में ही सरकार ने अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने और स्लोडाउन को रोकने के लिए कई कदम उठाए। सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स घटाने से लेकर आरबीआई ने मौद्रिक पैकेज भी ऑफर किया। अब ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सरकार बजट में स्लोडाउन से निपटने के लिए और कदम उठा सकती है। 

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