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पूर्व गवर्नर राजन ने गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के लिए मनमोहन सरकार को जिम्मेदार ठहराया

Update: 2018-09-10 14:53 GMT

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बढ़ते गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) को लेकर संसद की एक समिति को दिए अपने उत्तर में गत मनमोहन सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा दिया है। मिली जानकारी के अनुसार, राजन ने बताया कि घोटालों और जांच की वजह से सरकार के निर्णय देरी से लेने के कारण एनपीए बढ़ता चला गया। उल्लेख है कि वरिष्ठ भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसद की प्राक्कलन समिति ने राजन को पत्र लिखकर समिति के सामने उपस्थित होकर एनपीए के विषय पर जानकारी देने को कहा गया था। इसके लिए अपने जवाब में राजन ने कहा कि बैंकों की ओर से बड़े कर्जों पर यथोचित कार्रवाई नहीं की गई और 2006 के बाद विकास की गति बिलकुल धीमी हो गई। बैंकों की वृद्धि का जो आकलन था वो अवास्तविक हो गया।

ज्ञातव्य है कि मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम ने एनपीए संकट को पहचानने और इसका हल निकालने का प्रयास करने के लिए समिति के सामने राजन की बहुत प्रशंसा की थी। सुब्रमण्यम ने समिति को बताया था कि एनपीए की समस्या को पहचानने का श्रेय पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को जाता है। उनसे बेहतर ये कोई नहीं जान पाया था कि आखिर देश में एनपीए की समस्या कैसे इतनी गंभीर हो गई। इसके अलावा सुब्रमण्यम ने यह भी दावा किया था कि अपने कार्यकाल के दौरान राजन ने समस्या के समाधान के लिए काफी प्रयास किए थे। इसके बाद जोशी ने राजन को पत्र लिखकर समिति के सामने आकर देश में बढ़ते एनपीए के विषय पर जानकारी देने को कहा।

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