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नए बजट में किसानों-उपभोक्ता का रखेंगे ध्यान : निर्मला सीतारमण

Update: 2019-06-12 05:12 GMT

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पूर्व चर्चा के क्रम में कृषि-ग्रामीण विकास, डेयरी और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने भरोसा दिया कि सरकार कीमतों के मामले में किसानों और उपभोक्ता दोनों का ध्यान रखेगी।

सीतारमण ने कहा कि कृषि क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने को सरकार उच्च प्राथमिकता दे रही है। सरकार ऐसे नए उद्यमों को प्रोत्साहन देगी, जो कृषि उत्पादों को लाभदायक कीमत दिलाने में मदद करने के साथ उपभोक्ताओं को ये उत्पाद मुनासिब दाम पर पहुंचाने में मदद करें। उन्होंने कृषि विशेषज्ञों को आश्वस्त किया कि सरकार कृषि क्षेत्र के मुद्दे, रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन के काम पर प्रमुखता से ध्यान दे रही है।

बैठक में सीतारमण ने ऐसे स्टार्टअप को मदद का भरोसा दिया जो कृषि उत्पादों के लिए लाभकारी बाजार प्रदान करने तथा उचित मूल्य पर अंतिम उपभोक्ताओं को आपूर्ति करने में मदद कर रहे हैं। बैठक में वित्त और निगमित मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, वित्त सचिव सुभाष गर्ग भी मौजूद थे। सीतारमण ने ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के उपायों तथा कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के साथ-साथ गैर कृषि क्षेत्र के विकास के माध्यम से बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने के तरीकों पर जोर दिया।

नेशनल डेरी डेवलपमेंट बोर्ड ने भी वित्त मंत्री से मुलाकात की। बोर्ड के चेयरमैन दिलीप रथ ने सरकार से मांग की कि डेयरी उत्पादों पर लगने वाला जीएसटी भी घटाने की जरूरत है। सौर ऊर्जा को किसानों की आय बढ़ाने के लिए तीसरा फसल मानने का सुझाव भी आया।प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना में सुधार लाने के बारे में भी सुझाव भी विशेषज्ञों की ओर से सामने आए।

कृषि विशेषज्ञों ने वित्त मंत्री के समक्ष कृषि उत्पादों और उपकरणों पर जीएसटी घटाने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों पर जीएसटी पांच फीसदी रखी जाए ताकि खपत बढ़ सके। कृषि संगठनों ने सुझाव दिया कि बजट में सरकार को खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने और कृषि निर्यात को प्रोत्साहित करने पर ध्यान देना चाहिए। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होंने पशुपालन, मत्स्य पालन और मुर्गी पालन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। पूर्वोत्तर राज्यों में हथकरघा और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने का भी सुझाव दिया। फिक्की ने कहा कि बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के साथ निर्यात बढ़ाने के लिए बजट में खास छूट दी जाए। जो कंपनी 200-500 रोजगार पैदा करती हैं उन्हें प्रोत्साहन मिले। सीआईआई ने इंडस्ट्री के लिए सस्ता कर्ज और कॉरपोरेट टैक्स में राहत देने की मांग की।

किसानों के संगठन भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने कहा कि हमने सरकार को दूध उत्पादों पर जीएसटी को घटाकर पांच प्रतिशत करने का सुझाव दिया है। भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के सीईओ सत्यनारायण ने बैठक में कहा कि केंद्र सरकार को आर्थिक रूप से लाभप्रद प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को और सशक्त बनाना चाहिए और किसानों को अपनी उपज को प्रभावी ढंग से बेचने में मदद करनी चाहिए।

-सभी दुग्ध उत्पादों पर जीएसटी 5फीसदी करने की मांग

-सहकारी समितियों को कर में छूट आगे भी जारी रखी जाए

-सरकारी कार्यक्रमों के बारे में गांव में जागरूकता बढ़ाई जाए

-ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े स्टार्टअप को सरकार से प्रोत्साहन मिले 

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