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नोटबंदी ने की भारतीय अर्थ व्यवस्था की रक्षाः एस गुरुमूर्ति

Update: 2018-11-16 14:44 GMT

नई दिल्ली। मोदी सरकार की ओर जारी नोटबंदी के कारण देश की अर्थ व्यवस्था कंगाल होने से बच पाई। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक एस गुरुमूर्ति ने कही है। रिजर्व बैंक अॉफ इंडिया के स्वतंत्र निदेशक गुरुमूर्ति ने कहा कि बड़े मूल्य के नोट (1,000 व 500 के नोट) का प्रयोग पहले रियल इस्टेट व सोना खरीदने में किया जाता था।

विवेकानन्द इंटरनेशनल फाउंडेशन में दिए गए व्याख्यान के दौरान गुरुमूर्ति ने कहा है कि नोटबंदी के डेढ़ साल पहले 500 रुपये व 1000 रुपये के नोट की संख्या 4.8 करोड़ थी। इन नोटों का प्रयोग लोग सोना खरीदने व रियल इस्टेट के क्षेत्र में करते थे। अगर नोटबंदी नहीं होती तो देश के आर्थिक हालात अमेरिका में 2008 के दौरान बने हालात की तरह होते।

इस बीच स्वदेशी जागरण मंच ने भी कहा है कि बुद्धिजीवियों ने नोटबंदी व जीएसटी को सही ढंग से नहीं लिया। उल्लेखनीय है कि गुरुमूर्ति पहले से नोटबंदी और जीएसटी के समर्थन को लेकर मुखर रहे हैं। 

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