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कोरोना मरीजों को मिलेगी कैशलेस इलाज की सुविधा, IRDA ने बीमा कंपनियों को दिए निर्देश

Update: 2021-04-23 11:43 GMT

नईदिल्ली।  देश में जारी कोरोना कहर के बीच महामारी से ग्रसित मरीजों के लिए बड़ी खबर मिल रही है। हल पर इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईआरडीएआई) ने कोरोना बीमारी से पीड़ित मरीजों को राहत पहुंचाने वाला कदम उठाया है। आईआरडीएआई ने कोरोना महामारी की तेजी से बढ़ रही रफ्तार के बीच अपने ग्राहकों को कैशलेस इलाज की सुविधा मुहैया कराने वाली इंश्योरेंस कंपनियों के नाम निर्देश जारी कर कहा है कि वे अपने ग्राहकों को कोरोना का इलाज भी कैशलेस तरीके से कराएं। अभी तक मेडिकल इंश्योरेंस करने वाली कई कंपनियां कोरोना के इलाज के लिए अपने ग्राहकों को कैशलेस सुविधा देने से इनकार करती रही थीं। कई ग्राहकों ने इस बाबत कंपनियों की शिकायत भी की थी, लेकिन इंश्योरेंस कंपनियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा था। जिसके बाद गुरुवार को ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आईआरडीएआई के चेयरमैन को कोरोना मरीजों को कैशलेस सुविधा नहीं मिलने की शिकायतों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

वित्त मंत्री के निर्देश के बाद अब आईआरडीएआई ने इंश्योरेंस कंपनियों के नाम निर्देश जारी कर साफ कहा है कि अगर उन्होंने अपने ग्राहकों को नेटवर्क हॉस्पिटल्स में कैशलेस इलाज की सुविधा मुहैया कराई है, तो उन्हें इसी तरह कोरोना वायरस से संक्रमित अपने ग्राहकों का इलाज भी कैशलेस तरीके से करना होगा। आईआरडीएआई के इस निर्देश का सीधा मतलब यही है कि अब इंश्योरेंस कंपनियों को कोरोना के इलाज को भी अन्य बीमारियों की तरह ही समझना होगा। आईआरडीएआई के इस निर्देश से उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्होंने हेल्थ इंश्योरेंस कराया हुआ है। इस इंश्योरेंस के तहत ही कोरोना का भी कैशलेस सुविधा के साथ इलाज करवाना चाहते हैं। आईआरडीएआई के अपने निर्देश में ये भी साफ किया है कि अपने ग्राहकों को कैशलेस सुविधा का लाभ नहीं देने वाली इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोना का प्रकोप शुरू होने के तुरंत बाद मार्च के महीने में ही इस जानलेवा बीमारी को भी व्यापक स्वास्थ्य बीमा में शामिल कर लिया गया था। इसको तहत इंश्योरेंस कंपनियों को अपने ग्राहकों को कोरोना के भी कैशलेस इलाज की सुविधा अपने नेटवर्क अस्पतालों में देना था। लेकिन कई कंपनियां ग्राहकों को ये सुविधा देने से बचने की कोशिश करती रही थीं। हालांकि कई इंश्योरेंस कंपनियों ने अपने ग्राहकों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी थी। ऐसी कंपनियां अभी तक कोरोना से जुड़े मामलों मे 8642 करोड़ रुपये के क्लेम का निपटारा कर चुकी हैं। 

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