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जीएसटी के दो साल पूरे होने पर अरुण जेटली ने लिखा ब्लॉग

Update: 2019-07-01 09:34 GMT

नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि राजस्व में वृद्धि के साथ देश में जीएसटी की दो दरें हो सकती हैं। हालांकि, उन्होंने सिंगल स्लैब जीएसटी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि ऐसी व्यवस्था केवल 'अत्यंत संपन्न' देशों में ही संभव है, जहां गरीब लोग नहीं हैं।

जीएसटी के दो साल पूरे होने पर अरुण जेटली ने ब्लॉग में लिखा कि जैसे ही राजस्व में वृद्धि होती है, यह नीति निर्माताओं को 12% और 18% स्लैब को एक दर में विलय करने के लिए अवसर देगा। इस तरह जीएसटी में दो दर हो सकती हैं।

मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिपरिषद से बाहर रहने के बाद जेटली का यह पहला ब्लॉग है। उनका पिछला ब्लॉग एग्जिट पोल पर था जिसमें पीएम मोदी की स्पष्ट जीत की भविष्यवाणी की गई थी।

जेटली ने कहा कि भारत में जीएसटी की एक दर नहीं हो सकती है। जेटली ने ब्लॉग में लिखा, 'जिन देशों में गरीबी रेखा के नीचे बड़ी संख्या में लोग हैं, वहां एकल दर लागू करना अन्याय होगा।'

उन्होंने लिखा कि प्रत्यक्ष कर एक प्रगतिशील कर है। जितना अधिक आप कमाते हैं, उतना अधिक भुगतान करते हैं। अप्रत्यक्ष कर एक रिग्रेसिव कर है। जीएसटी लागू होने से पहले अमीर और गरीब विभिन्न वस्तुओं पर एक ही कर का भुगतान करते थे। बता दें कि देश में सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू हुए आज दो साल पूरे हो गए हैं। जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था।  

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