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अब इलाहाबाद बैंक ने की एमसीएलआर में 0.05 प्रतिशत की कटौती

Update: 2020-02-13 12:44 GMT

नई दिल्ली। इलाहाबाद बैंक ने विभिन्न परिपक्वता अवधि के लिये सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.05 प्रतिशत की कटौती की है। संशोधित दरें 14 फरवरी से प्रभावी होंगी। बैंक ने बीएसई से कहा कि उसकी संपत्ति उत्तरदायित्व प्रबंधन समिति ने मौजूदा एमसीएलआर की समीक्षा की और सभी परिपक्वता अवधि के ऋणों के लिए इसमें 0.05 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया।

बैंक ने कहा कि एक साल की परिपक्वता अवधि वाले ऋण का एमसीएलआर अब 8.30 प्रतिशत से कम होकर 8.25 प्रतिशत पर आ गया है। इसी तरह एक दिन, तीन तहीने और छह महीने का एमसीएलआर कम होकर 7.75 प्रतिशत से 8.10 प्रतिशत पर आ गया है। एक महीने की परिपक्वता अवधि वाले ऋण का एमसीएलआर अपरिवर्तित है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने अपनी सीमांत लागत आधारित ब्याज दरों (एमसीएलआर) में सोमवार को 0.10 प्रतिशत तक कटौती की घोषणा की थी। नई दरें 12 फरवरी से लागू हो गई हैं। बैंक की इस कटौती से कर्ज लेने वाले नए ग्राहकों के लिए आवास , वाहन और अन्य ऋण सस्ते हो गए हैं।

बैंक की ओर से जारी बयान के मुताबिक , ब्याज दर में कटौती बाद , एक साल की एमसीएलआर 8.25 प्रतिशत से घटकर 8.15 प्रतिशत पर आ गई है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा के कुछ दिन बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने एमसीएलआर में कटौती की है। आरबीआई ने रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर बरकरार रखा , लेकिन एक लाख करोड़ तक की प्रतिभूतियों को रेपो दर पर खरीदने की घोषणा की है। इससे बैंकों के लिए कोष की लागत कम होगी।

बीओबी ने एक महीने के कर्ज के लिए एमसीएलआर को 0.05 प्रतिशत कम करके 7.55 प्रतिशत कर दिया है जबकि एक दिन , तीन महीने और छह महीने की एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की गई है।

बता दें भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की घोषणा के एक दिन बाद भारत के सबसे बड़े बैंक SBI ने अपनी ऋण दरों में कटौती की थी, जिससे घर और ऑटो ऋण सस्ते हो गए हैं। SBI ने अपनी सावधि जमा या FD दरों में भी कटौती की है। लेकिन साथ ही एफडी पर मिलने वाले ब्याज में भी कमी की है। नई दरें 10 फरवरी 2020 से लागू हो गईं हैं। एसबीआई ने लगातार नौवीं बार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में कटौती का एलान किया है।

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