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विकास दर में अपने पड़ोसी चीन को पीछे छोड़ देगा भारत: विश्व आर्थिक मंच

Update: 2018-11-05 14:04 GMT

नई दिल्ली । केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा किये गए सकारात्मक सुधार से देश की अर्थव्यवस्था विकास के पथ पर लगातार अग्रसर है। विश्व आर्थिक मंच (डब्लूईएफ) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भी इसका उल्लेख किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था साल 2018 में चीन से ज्यादा तेजी से बढ़ रही है और वह इसी वर्ष उसे पीछे छोड़ देगी।

डब्लूईएफ का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में आई तेजी, चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर से भी ज्यादा होगी।अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी अपनी विश्व इकोनोमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि इस साल जहां चीन की जीडीपी दर 6.6 प्रतिशत रहेगी वहीं भ7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वर्ष 2019 में भारत चीन की 6.2 की तुलना में 7.4 प्रतिशत जीडीपी की दर से विकास करेगा।

आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की विकास दर में कमी की मुख्य वजह अमेरिका से चल रहा ट्रेडवार होगा। ट्रेड वार के कारण चीन का निर्यात प्रभावित होने की पूरी संभावना है । चीन 2017 में विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश था।भारत के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अपनी रिपोर्ट में देश की जीडीपी दर वर्ष 2018-19 में 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है ।

दूसरी ओर दुनिया की सबसे बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी 'मूडीज़' के अनुमान के मुताबिक भारत की जीडीपी दर वर्ष 2018-19 में 7.5 प्रतिशत रह सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बीते माह भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2018 में 7.3 प्रतिशत और 2019 में 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।

विश्व बैंक ने पिछले माह कहा था कि भारत की आर्थिक वृद्धि में मजबूती आ रही है और चालू वित्त वर्ष में इसके 7.3 प्रतिशत रहने की संभावना है। विश्व बैंक ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रभावों से उबर चुकी है। विश्व बैंक ने 2017-18 में भारत की 6.7 प्रतिशत विकास दर को संतोषजनक बताया था। 

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