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विश्व को आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों के खिलाफ मिलकर काम करना चाहिए

Update: 2018-10-01 13:27 GMT

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील विश्व समाज को अपनी जिम्मेदारी का एहसास करते हुए आर्थिक भगोड़ों की जानकारी साझा करनी चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से आयोजित अंतरारष्ट्रीय मानवाधिकार सम्मेलन का सोमवार को उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने आयोग को 25 साल पूरे करने और इस अवसर को मनाने के लिए मानवाधिकार विषय के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करने के लिए शुभकामनायें दी।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम मासूम लोगों को आतंक का शिकार नहीं बनने दे सकते हैं। आतंक से निपटने के लिए हमें मजबूती के साथ मिलकर कार्रवाई करनी होगी। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र को आगे आकर जल्द ही बड़े उपाय करने होंगे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि मानवाधिकार वह अधिकार है जो हर व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के मिलने चाहिए। ऐसे में सरकार की बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि वह सुनिश्चित करे कि नागरिकों के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार सुरक्षित रहें।

उन्होंने कहा कि 1993 में अपनी शुरुआत के साल में आयोग के पास 469 केस आए थे। इसके बाद 2017-18 में इनकी संख्या बढ़कर 79,612 हो गई है जिसमें से 64,670 केस सुलाझा लिए गए हैं।

नायडू ने कहा कि महिलाओं और बच्चों से भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। महिलाओं के सशक्तिकरण की जरूरत है ताकि उनके साथ भेदभाव न हो। भारत में महिलाओं को शक्ति स्वरुपा माना जाता है और वह उचित जिम्मेदारी मिलने पर बेहतर काम करके दिखाती हैं। 

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