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विश्वजीत को चाहिए गोवा का मुख्यमंत्री पद

बीमार पर्रिकर को स्वास्थ्य लाभ हेतु आराम पर भेजने की तैयारी

Update: 2018-10-20 16:51 GMT

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। गोवा के मुख्यमंत्री मंनोहर पर्रिकर का ज्यादातर समय पैंक्रियाज कैंसर का उपचार कराने में लग रहा है। इसके कारण सरकार के कामकाज पर पूरी तरह ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। इसका फायदा उठाकर कांग्रेस सत्ता पलटने की योजना बना रही है।

इसकी काट के लिए केन्द्रीय भाजपा ने 2017 में तो कांग्रेस के विधायक विश्वजीत राणे को पार्टी व विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिलवाकर भाजपा में शामिल करा ली थी। उसी राणे की मदद से अक्टूबर 2018 में कांग्रेस के और 2 विधायकों- सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोप्ते को भी पार्टी (कांग्रेस) व विधान सभा सदस्यता से इस्तीफा दिलवा कर भाजपा में शामिल कर लिया। इसके कारण विधान सभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 17 से घटकर 14 रह गई है। कहा जा रहा है कि राणे अभी तीन और कांग्रेसी विधायकों को तोड़ने की जुगत में हैं लेकिन इसके बदले में वह राज्य का मुख्यमंत्री पद चाहते हैं। इसलिए खतरा अभी टला नहीं है। वह इसके पहले पूर्ववर्ती सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं।

फरवरी 2017 में हुए गोवा विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने विधानसभा की 40 सीटों में 17 सीटें जीती थीं। भाजपा ने 13 ,महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी ने 3, गोवा फारवर्ड पार्टी ने 3, निर्दलियों ने 3 , राकांपा ने एक सीट जीती थी। 40 सीटों वाले विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 21 विधायकों का बहुमत होना चाहिए। भाजपा ने जोड़-तोड़ करके, गोवा फारवर्ड पार्टी के 3, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के 3 और 3 निर्दलियों के सहयोग सरकार बना ली। सूत्रों का कहना है कि पर्रिकर जबसे बीमार पड़े हैं तभी से महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और गोवा फारवर्ड पार्टी पूर्णकालिक मुख्यमंत्री नियुक्त करने की मांग करने लगी हैं। इसके लिए महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी ने अपने नेता सुधीन माधव धवलीकर उर्फ रामकृष्ण धवलीकर को मुख्यमंत्री बनाने की मांग शुरू कर दी है।

इस बारे में महाराष्ट्र व गोवा के राजनीतिक मामलों के जानकार वरिष्ठ पत्रकार ताना कोलते का कहना है कि कांग्रेस ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी व गोवा फारवर्ड पार्टी के नेताओं को साथ में आकर सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया है। यदि इन दोनों पार्टी के नेताओं ने आपस में राय बात करके भाजपा से समर्थन वापस ले कांग्रेस को समर्थन कर दिया, तब भाजपा की सरकार गिर जायेगी लेकिन मुश्किल यह है कि दोनों ही पार्टी के नेता मुख्यमंत्री पद चाहते हैं।

इधर एक वर्ष पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये और कांग्रेस के 2 और विधायकों को इसी माह तोड़कर भाजपा में लाये , तीन और कांग्रेसी विधायकों को तोड़ने के लिए जोड़ – तोड़ में लगे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे चाहते हैं कि भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व यदि पर्रिकर को उपचार व आराम के लिए भेजता है तो उनकी जगह राणे को मुख्यमंत्री बनाया जाये। विश्वजीत राणे के पिता प्रताप सिंह राणे भी गोवा के मुख्यमंत्री रहे हैं और इस समय भी कांग्रेस में हैं। विश्वजीत राणे कांग्रेस की दिगंबर कामत सरकार में मंत्री रहे थे। इसलिए कांग्रेस में उनके लिंक अभी भी बने हुए हैं।

वरिष्ठ पत्रकार डा. हरि देसाई का कहना है कि गोवा के कुछ कांग्रेसजनों का कहा यदि सच है तो विश्वजीत राणे को कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव दिया गया है। उनसे कहा गया है कि आपने जितने कांग्रेसी विधायकों को तोड़कर भाजपा में शामिल कराया है , उतने भाजपा विधायकों को तोड़कर कांग्रेस में लाइये । कांग्रेस आपको मुख्यमंत्री बना देगी। इस तरह विश्वजीत राणे एक तरह से हाटकेक हो गये हैं। उन्होंने जोड़ – तोड़ का खेल करके कांग्रेस और भाजपा दोनों पर ही दबाव बना दिया है। ऐसे में यदि भाजपा ने पर्रिकर की जगह किसी और को मुख्यमंत्री बनाया तो विश्वजीत राणे भाजपा तोड़कर कांग्रेस की तरफ चले जायेंगे और कांग्रेस के सहयोग से मुख्यमंत्री बन जायेंगे, सरकार बना लेंगे। इस समय वह भाजपा को टूटने से रोकने और कांग्रेस को तोड़ने वाली महत्वपूर्ण कड़ी बन गये हैं। इसलिए अब सबकी नजरें इस बात पर लगी हैं कि ऐसे में केन्द्रीय सत्ता व संगठन के सर्वोच्चद्वय क्या करते हैं।  

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