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जादवपुर यूनिवर्सिटी में छात्रों ने राज्यपाल का किया घेराव, ट्वीट कर जताई चिंता

Update: 2019-12-24 07:36 GMT

कोलकाता। पिछले कुछ समय से पश्चिम बंगाल की राजनीति में उबाल आया हुआ है। यहां इस साल लोकसभा चुनाव के पहले से भाजपा और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच शुरू हुई तनातनी अभी तक जारी है। यहां तक कि कुछ मौकों पर मामला हिंसा में भी बदल गया और दोनों दलों के कुछ कार्यकर्ताओं को जान भी गंवानी पड़ गई। ममता और राज्यपाल जगदीप धनकड़ में भी कई बार वैचारिक मतभेद साफ नजर आए हैं।

राज्यपाल को प्रदेश में कई बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ा है और मंगलवार को लगातार दूसरे दिन उनके साथ कुछ ऐसा ही हुआ। दरअसल जब राज्यपाल जादवपुर यूनिवर्सिटी पहुंचे तो छात्रों ने उनकी गाड़ी का घेराव किया और अंदर जाने से रोका। उन्हें काले झंडे दिखाए गए। बाद में राज्यपाल ने एक के बाद एक ट्वीट कर उनके साथ किए गए सलूक के बारे में बताया।

उन्होंने लिखा कि मैं जादवपुर यूनिवर्सिटी पहुंचा, जिससे छात्र डिग्री ले सकें, समाज में योगदान कर सकें, लेकिन जिस तरह से रास्ता रोका गया, वह निंदनीय है। यह एक चिंताजनक स्थिति है। रास्ता रोकने वालों की संख्या करीब 50 ही है। यहां सिस्टम को बंधक बनाया जा रहा है और इससे जुड़े लोग पूरी तरह से बेखबर हैं। यह एक पतन है जो अनचाहे नतीजे दे सकता है। यहां कानून का राज नहीं दिख रहा है। दर्दनाक हालात है क्योंकि जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति अपने दायित्वों के बारे में जान-बूझकर अनजान हैं। वे अपनी अनुपस्थिति का बहाना बना रहे हैं। वे कानून के शासन के पतन वाले कैंपस की अध्यक्षता कर रहे हैं। बर्बादी की स्थिति। मुझे ताज्जुब है कि वाइस चांसलर निष्क्रिय मुद्रा में मूक दर्शक बनकर बैठे हुए हैं।

हमारे सिस्टम के नाकाम होने की इस अप्रत्याशित घटना पर वे चुप्पी साधे हैं। यह काम उन ताकतों द्वारा किया गया है, जिन्हें हमारी शिक्षा व्यवस्था पर कम या लंबे समय तक होने वाले नुकसान का अनुमान नहीं है। सोमवार को भी राज्यपाल यूनिवर्सिटी में बतौर चांसलर बैठक में हिस्सा लेने गए थे लेकिन छात्रों ने इसका बहिष्कार किया।

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