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मजदूरों के खाने-रहने की व्यवस्था करें राज्य, दे दिया है पर्याप्त धन : गृह मंत्रालय

Update: 2020-03-29 13:30 GMT

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बीच शहरों से प्रवासी मजदूरों के पलायन ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों से हो रहे पलायन से कोरोना वायरस के गांवों में भी पहुंचने का खतरा है। इस बीच गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदशों से कहा है कि असहाय मजदूरों के रहने और खाने की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इसके लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पर्याप्त धन भी मुहैया करा दिया गया है।

गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से शहरों में कामकाज ठप पड़ गया है। ऐसे में उन दिहाड़ी मजदूरों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गईं, जो हर दिन कमाते हैं तो शाम को घर का चूल्हा जलता है। कई दिनों तक कामकाज ठप रहने के बाद मजदूरों के लिए शहरों में रहना कठिन हो गया। रेल और बस सेवा बंद होने की वजह से हजारों मजदूर पैदल ही अपने गांवों की ओर चल पड़े हैं। दिल्ली से बड़ी संख्या में मजदूर यूपी और बिहार के लिए निकले हैं।

गृहमंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए ठहरने और खाने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी है। जो लोग अपने गृह राज्य या कस्बों के लिए निकल गए हैं उन्हें संबंधित राज्य नजदीकी शेल्टर में ले जाएं। उनकी स्क्रीनिंग की जाए और 14 दिनों तक नजर रखी जाए।

केंद्र ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनों से लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कामगारों की आवाजाही को रोकने के लिए प्रभावी तरीके से राज्य और जिलों की सीमा सील करने को कहा है। मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने उनसे सुनिश्चित करने को कहा कि शहरों में या राजमार्गों पर आवाजाही नहीं हो क्योंकि लॉकडाउन जारी है।

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