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राज्यसभा से केंद्रीय मंत्री बनाने की अटकलें, जानें

Update: 2020-03-10 08:00 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस के बागी नेता ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने आखिरकार मंगलवार को होली के दिन कांग्रेस को अलविदा कह दिया। इस्तीफे से पहले सिंधिया ने 24 घंटे के अंदर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से दो मुलाकातें कीं। सिंधिया सोमवार के बाद मंगलवार सुबह एक बार फिर शाह और फिर उनके साथ पीएम मोदी से मिले।तीनों नेताओं के बीच करीब 1 घंटे तक बातचीत हुई।

माना जा रहा है कि इस बैठक में मध्य प्रदेश और खुद सिंधिया के सियासी भविष्य को लेकर चीजें तय हुईं।खबरें हैं कि सिंधिया बीजेपी में शामिल होंगे और बीजेपी उन्हें भोपाल से राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित करेगी। इसके बदले सिंधिया समर्थक विधायक इस्तीफा देखर मध्य प्रदेश में कमल खिलने का रास्ता साफ करेंगे। मध्य प्रदेश में विपक्षी बीजेपी ने आज होली के दिन ही विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। बैठक मंगलवार शाम छह बजे बुलाई गई बैठक में बीजेपी ने अपने सभी 107 विधायकों को इसमें शामिल होने के लिए कहा है।

सूत्रों के मुताबिक विधायक दल की बैठक में ही ज्‍योतिरादित्‍य की राज्‍यसभा की उम्‍मीदवारी का ऐलान हो सकता है। ज्‍योतिरादित्‍य बुधवार को बीजेपी के टिकट पर राज्‍यसभा सीट के लिए पर्चा दाखिल कर सकते हैं। इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर पीएम मोदी से मिलने पहुंचे हैं। बैठक में अमित शाह भी मौजूद हैं। जानकारी के मुताबिक सिंधिया होटल से सिंधिया शाह के घर पहुंचे। इसके बाद दोनों पीएम मोदी से मिलने के लिए पहुंच गए। अटकलें यह भी लगाई जाने लगीं हैं कि सिंधिया बीजेपी जॉइन कर केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किए जा सकते हैं। उन्हें राज्यसभा सीट भी मिल सकती है।

मध्‍य सरकार और बीजेपी में ज्योतिरादित्य की और उनके समर्थक विधायकों की क्या भूमिका होगी, यह तय कर लिया गया है। सूत्रों ने बताया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी में शामिल भी किया जा सकता है। बीजेपी इस बात को लेकर आश्वस्त है कि अगले दो-तीन दोनों में कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी। माना जा रहा है कि कांग्रेस के बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेज सकते हैं। ऐसे विधायकों की संख्या 20 हो सकती है। यानी अगर ऐसा होता है तो कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी और इसके बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं।

माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजे जाने के साथ ही उनके कुछ समर्थक विधायकों को मंत्री पद भी दिया जा सकता है। मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, जबकि सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 115 है। कांग्रेस को चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी और एक समाजवादी पार्टी के विधायक का समर्थन हासिल है। इस तरह कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है। वहीं बीजेपी के पास 107 विधायक हैं।

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