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भारत और उज्बेकिस्तान के बीच 17 दस्तावेजों पर हुए हस्ताक्षर

Update: 2018-10-01 12:56 GMT

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क।अफगानिस्तान में आंतरिक बहाली के लिए भारत और उज्बेकिस्तान मिलकर काम करेंगे। साथ ही, परस्पर संवाद को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय सुरक्षा व शांति को भी बेहतर करेंगे।

सोमवार को इसी मकसद को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौखत मिर्जीयोयेव के बीच मुलाकात में कई फैसले लिए गए। इस दौरान रक्षा, पर्यटन, विज्ञान एवं तकनीक, फार्मास्युटिकल्स और चिकित्सा आदि के क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए 17 दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और उज्बेकिस्तान के बीच रक्षा संबंधों में वृद्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि उन्होंने संयुक्त सैन्य अभ्यास और सैन्य शिक्षा व प्रशिक्षण समेत कई आवश्यक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया। इसके तहत यह स्पष्ट हुआ कि भारत और उज्बेकिस्तान सुरक्षित और समृद्ध बाह्य वातावरण चाहते हैं।

उन्होंने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए उज्बेकिस्तान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि स्थिर, लोकतांत्रिक और समावेशी व समृद्ध अफगानिस्तान पूरे क्षेत्र के हित में है। वहीं मिर्जीयोयेव ने कहा कि अफगानिस्तान को लेकर उनका देश बहुत गंभीर है और मानता है कि वहां की समस्या का समाधान सैन्य ढंग से नहीं निकाला जा सकता। विभिन्न समूहों एवं सरकार के बीच केवल राजनीतिक वार्तालाप के जरिए ही कोई हल निकल सकता है। उज्बेकिस्तान इसमें पूरी तरह से सहयोग देगा और भारत के साथ मिलकर काम करने का आकांक्षी है। 

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