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स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के भाषण पर शत्रुघ्न सिन्हा ने क्या कहा, पढ़ें पूरी खबर

Update: 2019-08-18 09:01 GMT

नई दिल्ली। शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 15 अगस्त को दिए भाषण की तारीफ की है। शत्रुघ्न ने लिखा है कि चूंकि मैं एक कुदाल को कुदाल बुलाने के लिए प्रसिद्ध या बदनाम हूं, इसलिए मैं स्वीकार कर रहा है कि पीएम मोदी की 15 अगस्त को लाल किले से आपका भाषण बेहद साहसी, अच्छी तरह से शोध और सोचा उत्तेजक था। देश के सामने प्रमुख समस्याओं को रखा है।

शत्रुघ्न ने दूसरे ट्वीट में कहा कि पानी का संकट बड़ा है और जल्द ही कुछ वर्षों में कई प्रमुख शहर सूख जाएंगे। अगला जनसंख्या वृद्धि भी एक विशाल समस्या है और इसे जल्द ही बहुत सावधानी पूर्वक संभालने की आवश्यकता है, जितनी जल्दी बेहतर हो। प्लास्टिक को अलविदा कहो और घरेलू टूरिज्म को बढ़ना चाहिए।

तीसरे ट्वीट में कहा कि और कई अन्य प्रमुख मुद्दे। पहले भी कई लोग बोल चुके हैं, लेकिन किसी भी मुद्दे पर ठोस कार्रवाई या उचित रोड मैप के साथ आगे नहीं बढ़ा गया। ब्रैवो! कुडोस! आप निश्चित रूप से सराहना के काबिल हैं क्योंकि आपने एक योजना के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की। समस्याओं पर असरदार बात की आपने।

चौथे ट्वीट में उन्होंने पीएम मोदी की तरफ से लालकिले की प्रचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के ऐलान की बॉलीवुड एक्टर और राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने तारीफ की। उन्होंने कहा कि बड़े कदम के तौर पर सीडीएस की नियुक्त (आर्मी, नेवी और एयरफोर्स का टॉप लीडर) की बात कर आपने निश्चित तौर पर मन को छू लिया। शक्तिशाली कमांड कुछ अलग कर सकता है। आप देश और राष्ट्र के मार्गदर्शक के तौर पर बिल्कुल सही दिन चुना।

पांचवें ट्वीट में उन्होंने आगे बाढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि हम डिटेल्ड प्लानिंग और सही रोडमैप का इंतजार करते हैं। लेकिन, यह आपको आदरपूर्वक सुझाव देते हैं कि इससे पहले की काफी देर हो जाए, देश आपके साथ खड़ा है, आप फौरन काम करें।

अपने छठे ट्वीट में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मैं आपसे बात कर सकता हूं कि यदि आपके पास नदियों को जोड़ने का समय और झुकाव है। तो हमारे प्रिय पूर्व पीएम अटल बिहार वाजपेयी का एक सपना था 'सागर माला' परियोजना। यह बाढ़ और सूखे की स्थिति को नियंत्रित करने में देश के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आखिरी ट्वीट में सिन्हा ने कहा कि एक अन्य विनम्र निवेदन है यदि इस परियोजना की घोषणा अगले वर्ष स्वतंत्रता पर की जा सकती है, तो यह 'सोने पे सुहागा' जैसा होगा। मुझे इस रचनात्मक और सकारात्मक दृष्टिकोण में योगदान करने में खुशी होगी। जय हिन्द!

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