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रोहिंग्या घुसपैठियों के आधार कार्ड होंगे रद्द

गृह मंत्रालय के राज्य सरकारों को निर्देश

Update: 2018-10-15 07:23 GMT

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) कार्ड धारक रोहिंग्या घुसपैठियों में से उन सभी के आधार कार्ड रद्द किए जायेंगे जिन्होंने इसे यूएनएचसीआर कार्ड के आधार पर आधार हासिल किया था।

केन्द्र सरकार ने इसके लिए सभी राज्य सरकारों से आधार कार्ड धारक रोहिंग्या घुसपैठियों के आंकड़े जुटाने को कहा है। भारत में यूएनएचसीआर कार्ड धारक लगभग 4.5 लाख रोहिंग्या दिल्ली सहित कई राज्यों में रह रहे हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने अवैध घुसपैठियों को जारी हुए आधार कार्ड रद्द करने के बारे में सभी राज्य सरकारों से कहा है कि आधार कार्ड सिर्फ उन्हीं लोगों को जारी किया जा सकता है जो भारत में वैध रूप से रह रहे हैं। मंत्रालय में विदेशी नागरिकों से संबंधित इकाई द्वारा राज्यों के गृह विभाग और पुलिस महानिरीक्षक को ऐेसे अवैध प्रवासियों की पहचान कर इनके आंकड़े मुहैया कराने को कहा है। मंत्रालय की ओर से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को भी यह सुनिश्चित करने का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है कि देश में अवैध प्रवासियों और अवैध निवासियों को किसी भी प्रकार से आधार कार्ड जारी न किया जाएं। गृह मंत्रालय ने कहा कि शरणार्थियों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के 1951 और 1967 के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में भारत शामिल नहीं है। इसलिए यूएनएचसीआर कार्ड के आधार पर भारत में विशिष्ट पहचान संबंधी आधार कार्ड जारी करने का कोई औचित्य नहीं है।

अन्य दस्तावेज भी रद्द करने का अधिकार

मंत्रालय ने इस बात से इंकार नहीं किया कि यूएनएचसीआर कार्ड अवैध अप्रवासियों को भी जारी हो गये होंगे। ऐसे में यूएनएचसीआर कार्ड के आधार पर अवैध अप्रवासियों को आधार कार्ड जारी करना बेहद अनुचित और गैरकानूनी होगा। मंत्रालय यह भी स्पष्ट किया कि इस बात में कोई विवाद नहीं होना चाहिए कि रोहिंग्या घुसपैठियों द्वारा धोखे से हासिल किए गये पहचान संबंधी दूसरे दस्तावेज (मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस आदि) भी राज्य सरकारें रद्द कर सकती हैं।

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