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आतंकियों ने राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की गोली मारकर हत्या की, केंद्र ने कहा-कायराना हरकत

Update: 2018-06-14 19:08 GMT

जम्मू। श्रीनगर में राइजिंग कश्मीर समाचार पत्र के संपादक शुजात बुखारी को आतंकियों ने गुरुवार शाम को गोली मार दी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर समेत कई केंद्रीय मंत्रियों, राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला ने घटना पर शोक जताया है। 

आतंकियों ने श्रीनगर के प्रेस कॉलोनी में राइजिंग कश्मीर समाचार पत्र के संपादक शुजात बुखारी पर हमला किया और उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया। बुखारी को तुरंत अस्तपताल पहुंचाया गया, जहां डाक्टरों ने इलाज के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया। आतंकियों के इस हमले में उनके एसपीओ को भी गोली लगी है, जिसका इलाज जारी है। राज्य की गठबंधन सरकार में शुजात बुखारी के भाई सईद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी शिक्षा मंत्री हैं। माना जा रहा है कि रमजान माह में जारी संघर्ष विराम को लेकर केन्द्र सरकार काफी गंभीर दिख रही है और रमजान माह के बाद आतंकियों के खिलाफ फिर से क्लीन आउट आपरेशन शुरू हो सकता है। आतंकियों ने संघर्ष विराम के दौरान भी अपने हमलों को जारी रखा हुआ है, जिसके चलते केन्द्र सरकार आने वाले समय में उनके खिलाफ कड़े कदम उठा सकती है।
इस संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर पर कश्मीर के मसले को लेकर उच्च स्तरीय बैठक हुई है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में ईद के बाद कश्मीर में सीजफायर खत्म करना है या इसे जारी रखना है, इस पर चर्चा हुई है। हालांकि अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इस बैठक में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा पर भी बात हुई है।
45 मिनट चली इस बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ एनएसए अजीत डोभाल, आर्मी चीफ, आईबी चीफ, सीआरपीएफ के डीजी, बीएसएफ के डीजी व जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी तथा गृह सचिव राजीव गौबा सहित गृह मंत्रालय के दूसरे अधिकारी भी मौजूद थे। ऐसा माना जा रहा है कि आतंकियों ने इसी खुन्नस के चलते राज्य के मंत्री के भाई पत्रकार सुजात बुखारी को अपना निशाना बनाया है।
कश्मीर में वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या की देशभर में निंदा हो रही है, केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इसे आतंकियों की कायराना हरकत करार दिया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि राइजिंग कश्मीर संपादक शुजात बुखारी की हत्या एक कायराना हरकत है। यह कश्मीर की 'समझदार' आवाज को चुप करने का प्रयास है। वह एक साहसी और निडर पत्रकार थे। उनकी मौत बेहद दुखद है। केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि शुजात बुखारी की हत्या प्रेस की आजादी पर एक क्रूर हमला है। उन्होंने कहा कि इससे आतंक का एक भयावह और अपमानजनक कृत्य हमारे सामने आया है। देश का निडर मीडिया लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है और सरकार मीडिया से जुड़े लोगों को एक सुरक्षित और अनुकूल कामकाजी माहौल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि वह राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या के बारे में सुनकर बेहद दुखी हैं। बुखारी एक निडर व्यक्ति थे जो जम्मू-कश्मीर में न्याय और शांति के लिए लड़े। वरिष्ठ नेताओं सहित देश के वरिष्ठ पत्रकारों ने भी बुखारी की हत्या की निंदा की है। शुजात बुखारी की हत्या पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुला ने दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि इस घटना से मैं पूरी तरह से हैरान हूं।

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