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चुनाव प्रचार में फर्जी खबरों पर लगेगी लगाम

Update: 2018-10-01 07:10 GMT

नई दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ पी रावत ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों ट्विटर और फेसबुक ने चुनाव आयोग को आश्वासन दिया है कि प्रचार के दौरान चुनावों की शुचिता को प्रभावित करने वाली किसी भी चीज के लिए वे अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं होने देंगे। रावत ने कहा कि कर्नाटक चुनाव के दौरान इसका परीक्षण किया गया था। उन्होंने कहा कि तब छोटी पायलट परियोजना के तौर पर इसे लागू किया गया। वह शुरूआत थी। अब लोकसभा चुनावों से पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में बड़े स्तर पर इसे लागू किया जाएगा। इन चारों राज्यों में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। रावत ने कहा कि वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा के नेतृत्व में एक समिति ने गूगल, फेसबुक और ट्विटर के क्षेत्रीय और स्थानीय प्रमुखों को बुलाया था और उनसे पूछा था कि फर्जी खबरों के प्रतिकूल प्रभावों को रोकने और मतदाताओं को लक्षित कर डाले गये संदेशों से बचने के साथ भारतीय चुनावों की शुचिता के लिए वे क्या कर सकते हैं।

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