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गरीब मरीजों का मुफ्त इलाज न करने पर राजीव गांधी कैंसर अस्पताल से जवाब तलब

Update: 2018-10-26 12:00 GMT

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर अस्पताल द्वारा गरीब मरीजों को पिछले दो दशक से मुफ्त इलाज करने से मना करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार, डीडीए और राजीव गांधी कैंसर अस्पताल को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने 28 जनवरी, 2019 तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

याचिका एनजीओ सोशल जूरिस्ट ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि अस्पताल को डीडीए की तरफ से सस्ती दर पर इस शर्त के साथ जमीन आवंटित की गई थी कि वो गरीब मरीजों का मुफ्त इलाज किया करेगा। याचिका में कहा गया है कि डीडीए ने जमीन अलॉट करते वक्त ये शर्त लगाई थी कि अस्पताल गरीब मरीजों को आईपीडी में दस फीसदी और ओपीडी में 25 फीसदी मरीजों का मुफ्त इलाज करेगा।

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 2007 में और सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में अपने फैसले में कहा था कि रियायती दर पर जिन अस्पतालों को जमीन अलॉट कराई गई है, उन्हें आईपीडी में 10 फीसदी और ओपीडी में 25 फीसदी गरीब मरीजों का मुफ्त में इलाज करना होगा। इन आदेशों के बावजूद राजीव गांधी कैंसर अस्पताल ने पिछले दो दशकों से एक भी गरीब का मुफ्त इलाज नहीं किया है।

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